July 1, 2024     Select Language
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यहां के मंदिरों में कंकाल सजाकर होती है पूजा 

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कोलकाता टाइम्स

भारत में 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा होती है। लेकिन उसमें कही भी मृत्यु के देवता का स्थान नहीं है। हालाँकि हिंदू मान्‍यता के अनुसार भी मृत्‍यु को पवित्र माना जाता है। लेकिन अमेरिका दक्षिण पश्‍चिमी राज्‍य मैक्‍सिको में एक समुदाय ऐसा भी है जो मौत की देवी की पूजा करता है। वे उसको पवित्र मृत्‍यु की अपनी देवी कहते हैं। मृत्‍यु को पवित्र मानने वाले इस समुदाय के लोगों की ये देवी एक महिला संत है जसके अनुयायी उसके आदर्शों पर चलते हैं। इनका मानना है की ये देवी अपने भक्तों को बीमारियों से बचाने के साथ संरक्षण देती है और मृत्‍यु के बाद सुरक्षित मार्ग पर जाने में मदद करती है।

संता मुर्ते यानि पवित्र मृत्‍यु को आराधना का विषय मानने वाले ये लोग अपने मंदिरों में कंकाल को सजा कर उसकी पूजा करते हैं। ये परंपरा काफी पुरानी है। इसके बावजूद कैथोलिक संप्रदाय के विकास के साथ जहां इस परंपरा को चोरी छुपे पालन किया जाता था। लेकिन अब कुछ अर्से से इसके मानने वाले खुल कर सामने आने लगे हैं।

जो लोग इस परंपरा को उचित नहीं मानते वे कहते हैं कि ये अपराधियों का फैलाया हुआ जाल है। ये बात काफी हद तक तक सही मानी जाने लगी जब मैक्‍सिको के एक अपराध बहुल इलाके तेपितो में करीब 15 साल पहले एक महिला ने सांता मुर्ते प्रार्थना स्‍थल स्‍थापित किया। वहीं इसके सर्मथकों का कहना है कि ये सब आरोप गलत हैं ये एक प्राचीन परंपरा है और उनकी आस्‍था और विश्‍वास से जुड़ी है। वहीं यूरोप में प्रचलिक कैथोलिक संप्रदाय भी इस तरह की पूजा को गलत मानता है और उसे मान्‍यता नहीं देता। स्‍वयं पोप फ्रांसिस ने बीते वर्ष अपनी मैक्‍सिको यात्रा के दौरान इस तरह की रहस्यमयी ताकतों में विश्वास रखने वालों की आलोचना करते हुए इसे गलत बताया था।

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