November 23, 2024     Select Language
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रग्बी कैंप के नाम पर अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी

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नई दिल्ली : पेरिस में भारतीय किशोर को हिरासत में लेने के बाद भारत में एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर रैकेट का खुलासा हुआ है। यहां से पंजाब और हरियाणा के 13 और 18 साल की उम्र के 25 लड़कों को रग्बी ट्रेनिंग के बहाने पेरिस ले जाया गया था। जिसके बाद उन्हें वहीं छोड़ दिया गया था। 25 में से केवल 2 लड़के ऐसे थे जोकि वापस आ सके।
बाकी 22 लड़कों का अभी तक कुछ पता नहीं लग पाया है। सूत्रों के मुताबिक CBI को इस बात की आशंका है कि कुछ बच्चों के माता-पिता ने उन्हें छुड़ाने के लिए 25 से 30 लाख रुपये का भुगतान किया है। फ्रांस की पुलिस ने सीबीआई को हिरासत में लिए गए लोगों के बारे में जानकारी दी थी और पूछे गए सवालों के बारे में भी बताया था।
वहीं सीबीआई ने तस्करी से जुड़े तीन एजेंटों की पहचान की थी। इनके नाम ललित डेविड दीन, संजीव राज और वरुन चौधरी हैं। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि तीनों संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। जांच में पता लगा है कि 25 लड़कों को कपूरथला और पंजाब के स्कूल में पढ़ने वाला छात्र दिखलाया गया था, जिसके बाद उन्हें 1 फरवरी 2016 को पेरिस ले जाया गया।
CBI के प्रवक्ता ने बताया कि इन्हें फ्रांस का वीजा इस आधार पर दिया गया था कि इन बच्चों को फ्रांस फेडरेशन ने निमंत्रण दिया है। इन लोगों के पेरिस जाने के बाद एजेंट द्वारा इनकी वापसी की टिकट कैंसिल कर दी गई। लेकिन दो लोगों ने स्थिति को भांप लिया और जैसे-तैसे वापस आ गए।
कपूरथला के जिस स्कूल का जिक्र छात्रों के स्टडी सेंटर के रूप में किया गया था, वह फर्जी था। इस स्कूल ने बताया कि ये छात्र उनके स्कूल में नहीं पढ़ते हैं। CBI ने एक छात्र के माता पिता को ढूंढा है। छात्र के पिता ने बताया कि वह उसे अपने रिश्तेदार के यहां यूएस भेजना चाहते थे लेकिन हमारे पास वैद्य दस्तावेज नहीं थे।
जिसके बाद वह एक एजेंट के संपर्क में आए, जिसने उनके बेटे को 27 लाख रुपये में लियू भेजने का वादा किया लेकिन वह एजेंट उनके बेटे को पेरिस छोड़ आया। उन्होंने कहा कि हम नहीं जानते कि बाकी के बच्चे उस जगह पहुंचे जहां वो जा रहे थे।

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