नेपाल के इंटरनेट बाजार में भारत को पीछे छोड़ चीन की सेवाएं शुरू
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काठमांडू : आज यानि 13 जनवरी से पहले नेपाल को इंटरनेट सेवाएं देने वाला एकमात्र देश था भारत। लेकिन आज के बाद इस बाजार में चीन ने अपना पैर फैला लिया है। चीन ने आज से नेपाल में अपनी इंटरनेट सेवाएं देना शु्रू कर दिया है। नेपाल में चीन की इंटरनेट सेवाएं शुरू होने के साथ ही नेपाल के इंटरनेट बाजार पर भारत का एकाधिकार समाप्त हो गया।
सूत्रों के अनुसार, चीन की चाइना टेलीकॉम ग्लोबल (सीटीजी) नेपाल टेलीकॉम के साथ मिलकर नेपाल में वैकल्पिक इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराएगा। अभी तक नेपाल भारतीय दूरसंचार ऑपरेटर्स के ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन माध्यम से ही वैश्विक इंटरनेट नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। सीटीजी द्वारा वर्ष 2016 में टेरेस्टियल फाइबर केबल प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई। यह सीमावर्ती जिलांग (रसुवगढ़ी) गेटवे के माध्यम से नेपाल को चीन से जोड़ेगी।
नेपाल की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नई शुरू की गई इंटरनेट सेवा चीन का हांगकांग डाटा सेंटर एशिया का सबसे बड़ा डाटा सेंटर है। चीन नेपाल की अपनी इस परियोजना को नए सिल्क रोड के निकटवर्ती देशों के विस्तृत डिजिटल नेटवर्क के रूप में देख रहा है।
सूत्रों के अनुसार, चीन की चाइना टेलीकॉम ग्लोबल (सीटीजी) नेपाल टेलीकॉम के साथ मिलकर नेपाल में वैकल्पिक इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराएगा। अभी तक नेपाल भारतीय दूरसंचार ऑपरेटर्स के ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन माध्यम से ही वैश्विक इंटरनेट नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। सीटीजी द्वारा वर्ष 2016 में टेरेस्टियल फाइबर केबल प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई। यह सीमावर्ती जिलांग (रसुवगढ़ी) गेटवे के माध्यम से नेपाल को चीन से जोड़ेगी।
नेपाल की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नई शुरू की गई इंटरनेट सेवा चीन का हांगकांग डाटा सेंटर एशिया का सबसे बड़ा डाटा सेंटर है। चीन नेपाल की अपनी इस परियोजना को नए सिल्क रोड के निकटवर्ती देशों के विस्तृत डिजिटल नेटवर्क के रूप में देख रहा है।