November 23, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular दैनिक

नक्सलियों का सामना अब महिला कमांडों से 

[kodex_post_like_buttons]
सुकमा : नक्सलीओं का अब सामना है महिला कमांडों से। पहले महिला कमांडों नहीं होने के कारन जवानों को महिला नक्सलियों से सामना करना भरी पड़ता था। कई बार ऑपरेशन के दौरान जवानों पर महिला नक्सलीओं के साथ अत्याचार करने जैसे आरोप लगाए जाते थे। लेकिन अब महिला कमांडों होने के कारण नक्सलीओं का सामना करना आसान हो गया।

फ़िलहाल छत्तीसगढ़ की सुकमा में इसकी पहल की गई है। छत्तीसगढ़ स्थित सुकमा जिले में दोरनापाल से जगरगुंडा तक सड़क बनाई जा रही है।  लेकिन यहां सड़क बनाना बारूद के ढेर पर सड़क बनाने जैसा है। यहां आए दिन नक्सल हमले होते हैं। रास्ते में कई बारूद मिलते हैं। ऐसे में यहां सुरक्षा के लिए बल को तैनात किया गया है। अब इनका साथ देने और नक्सलियों से लोहा लेने के लिए महिला कमांडो को भी तैनात किया गया है। इन महिला कमांडो को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है। ये पहली बार है जब महिला कमांडो को नक्सलियों से सामने के लिए मैदान में उतारा गया है।

दोरनापाल से जगरगुंडा की सड़क किसी बारूद के ढेर से कम नहीं है। क्योंकि इस मार्ग पर आए दिन आईईडी मिलना और नक्सल घटनाएं घटना आम बात है। वर्तमान में पोलमपल्ली में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। गांव से करीब दो किलोमीटर दूर सड़क बनाई जा रही है। जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सुरक्षा बल संभाल रहे हैं। लेकिन एक सप्ताह पहले महिला कंमाडो को यहां की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है।

करीब 25 महिलाओं की छोटी बटालियन को पोलमपल्ली कैंप भेजा गया है। इससे पहले जिला मुख्यालय में इन महिलाओं को तीन माह का प्रशिक्षण दिया गया था। उसके बाद इन्हें तैनाती के लिए भेजा गया, जहां ये महिलाएं सड़क सुरक्षा के लिए हर दिन हथियार से लैस होकर निकलती है और शाम को वापस कैंप लौटती हैं। वर्तमान में ये महिला कमांडो पुरुष कमांडो के साथ सड़क और थाने की सुरक्षा संभाल रही हैं।

महिला कंमाडो जब पुरी तरह से प्रशिक्षण लेकर नक्सली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो जाएंगी तो इनका उपयोग नक्सल ऑपरेशन के लिए भी किया जाएगा, इससे टीम को महिला नक्सलियों से निपटने में मदद मिलेगी।

Related Posts

Leave a Reply