इसमें बदलाव ना कर हर वर्ग वर्ग को खुश करने की तैयारी में मोदी सरकार
नई दिल्ली: मोदी सरकार इस बार की आम बजट को कुछ इस तरह बनाना चाहती है कि, हर वर्ग खुश हो जाये। क्यूंकि सरकार जानती है कि इस बजट से समाज का एक बड़ा वर्ग नाराज हो सकता है जिससे जनता सारा गुस्सा वोट बैंक पर दिखायगी। इतना बड़ा खतरा सरकार किसी भी हाल में नहीं ले सकती। हालाँकि सरकार ने इसका समाधान खोज लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कह चुके हैं कि इस बार का बजट सभी को खुश करने वाला नहीं होगा। यानी केंद्र सरकार पीएफ की दरों में कोई बदलाव ना करके बजट की नाराजगी पर मरहम लगाने की तैयारी कर चुकी है। जानकारी के मुताबिक, सरकारभविष्य निधि जमा राशियों पर ब्याज दर पिछले वित्त वर्ष की 8.65 फीसदी को कायम रखने के लिए प्लान बना रही है।
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सूत्र बताते हैं कि ईपीएफओ अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए करीब 2000 करोड़ रुपए के शेयर बेचने की तैयारी कर रहा है। इससे 850 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी होगी और यही इनकम पीएफ रेट तय करने में मदद करेगी। ईपीएफओ सेंट्रल बोर्ड के न्यासी पीएफ रेट और शेयर की बिक्री की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए अगले महीने बैठक करेंगे। जानकार बताते हैं कि ट्रस्टियों ने फंड मैनेजर्स से अपने कमीशन में कटौती करने का आग्रह किया है ताकि वे अपने ग्राहकों तक अधिकतम लाभ पहुंचा सकें।
सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने पहले श्रम मंत्रालय को वित्त वर्ष 2017-18 की ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत तक कम करने के पेशेवरों और विपक्षों की जांच करने के लिए कहा था, क्योंकि इस बचत योजना के लगभग 6 करोड़ सदस्य हैं।