बिहार बोर्ड में फिर पेपर लिक का फजीहत
न्यूज डेस्क
लगता है इस राज्य में परीक्षा के पेपर लिक होने की सेंचुरी हो जाएगी। परीक्षा के पहले दिन ही उसके पेपर व्हाट्स उप और ट्विटर में आ गए। जिसके बाद पुरे शिक्षा महल में शोर शुरू हो गया।
मंगलवार को बिहार इंटरमीडिएट की परीक्षा का पेपर फिर से आउट हो गया है।बिहार बोर्ड की ओर से 6 फरवरी से शुरू हुई इंटरमीडिएट की परीक्षा और पहले दिन ही जीव विज्ञान (Biology) का पेपर आउट हो गया। यह पेपर Whats app और ट्विटर पर वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही पेपर आउट हो गया। पहली पाली की परीक्षा संपन्न होने पर नवादा जिले के जिलाधिकारी ने वायरल प्रश्न पत्र को मिलाया तो जांच में यह सही पाया गया। नवादा के अलावा सुपौल जिले में भी खुलेआम Biology का पेपर बंटते हुए देखा गया।
इससे पहले बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने Biology का प्रश्नपत्र लीक होने की खबर को पूरी तरह अफवाह बताया था। कहा था कि प्रश्नपत्र के कई सेट बनाए गए हैं और कौन सा प्रश्नपत्र लीक हुआ है इसकी पुष्टि तो परीक्षा खत्म होने के बाद प्रश्नपत्र के मिलान के बाद ही की जाएगी। परीक्षा खत्म होने के बाद इसकी सच्चाई नवादा जिला प्रशासन ने इसकी पुष्टि कर दी है।
पिछले दो-तीन साल से फजीहत झेल रहे बिहार बोर्ड ने दावा किया था कि इस बार परीक्षा कदाचार मुक्त कराई जाएगी और पूरी कड़ाई से ली जाएगी, लेकिन पहले दिन का पेपर आउट होने के साथ ही इन दावों की पोल खुल गई है।
पिछले साल बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) ने 12 वीं के कला संकाय के इस वर्ष टॉपर रहे गणेश का परीक्षाफल शुक्रवार को निलंबित कर दिया था। इस बीच परीक्षा फॉर्म में गलत जानकारी देने को लेकर गणेश को फर्जीवाड़ा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गणेश ने इससे पहले 1990 में 10 वीं (मैट्रिक) की परीक्षा दी थी जिसमें उन्होंने अपनी जन्मतिथि सात नवंबर 1975 लिखवाई थी। इस वर्ष इंटर की परीक्षा में उन्होंने अपनी जन्मतिथि दो जून 1993 दर्ज करवाई है।
आनंद किशोर ने साफ किया है कि गणेश की उत्तर पुस्तिका में कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि फर्जीवाड़ा अभी प्रकाश में आया इस कारण समिति ने प्राथमिकी दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि गणेश का मैट्रिक का परिणाम में निलंबित कर दिया गया है तथा उससे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।