सिब्बल के कारण कोर्ट ने दी कार्ति को यह राहत
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न्यूज डेस्क
फ़िलहाल उच्च न्यायालय से कार्ति चिदंबरम को रहत मिली। आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम गिरफ्तरी 22 मार्च तक टल गयी है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी की अवधि 20 मार्च से बढ़ाकर 22 मार्च कर दी। कार्ति की पैरवी करनेवाले कपिल सिब्बल के ना रहने के कारण ही यह रहत मिली है। आज कोर्ट में कार्ति के अधिवक्ता ने न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति आईएस मेहता की पीठ को सूचित किया कि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल 20 मार्च को उपलब्ध नहीं हो पाएंगे जिसके बाद पीठ ने सुनवाई की तारीख 22 मार्च कर दी। पहले सुनवाई 20 मार्च को होनी थी।
प्रवर्तन निदेशालय के वकील विनोद दिवाकर ने कहा कि उन्हें अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से निर्देश प्राप्त हुए हैं कि सुनवाई की तारीख बदलकर 22 मार्च किए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। इस पर पीठ ने कहा कि चूंकि ईडी ने तारीख बदलने पर कोई आपत्ति नहीं जताई है इसलिए याचिका पर सुनवाई की तारीख 22 मार्च तय की जाती है। उच्च न्यायालय ने 9 मार्च को ईडी को निर्देश दिया था कि धन शोधन मामले में वह 20 मार्च तक कार्ति को गिरफ्तार नहीं करें।
प्रवर्तन निदेशालय के वकील विनोद दिवाकर ने कहा कि उन्हें अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से निर्देश प्राप्त हुए हैं कि सुनवाई की तारीख बदलकर 22 मार्च किए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। इस पर पीठ ने कहा कि चूंकि ईडी ने तारीख बदलने पर कोई आपत्ति नहीं जताई है इसलिए याचिका पर सुनवाई की तारीख 22 मार्च तय की जाती है। उच्च न्यायालय ने 9 मार्च को ईडी को निर्देश दिया था कि धन शोधन मामले में वह 20 मार्च तक कार्ति को गिरफ्तार नहीं करें।