इंतजार बेमानी मोसूल में गायब भारतियों की मौत की पुष्टि
न्यूज डेस्क
इराक के मोसूल से अपहृत 39 भारतीयों की पार्थिव अवशेष सरकार देश में लाएगी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज राज्यसभा में सरीर लेन की बात कहकर इस बात पर मुहर लगा दी की उन सभी की मौत हो गोई है और अब उनकी तलाश की ही बंद कर दी गयी है। मालूम हो कि, तीन साल पहले इन 39 भारतीयों का आईएसआईएस के आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था।
स्वराज ने सदन में आवश्यक दस्तावेज रखे जाने के बाद अपने बयान में कहा कि सभी लोगों के पार्थिव अवशेषों की डीएनए जांच से इस बात की पुष्टि हुई है कि मोसूल से जून 2015 से लापता 39 भारतीयों की मौत हो चुकी है। मृतकों में 31 पंजाब के, 4 हिमाचल प्रदेश के और शेष बिहार एवं पश्चिम बंगाल के थे। सुषमा के इस बयान के बाद इतने सालों ने अपनों की राह देख रहे परिजनों की उम्मीद भी खत्म हो गई।
सुषमा ने अपने बयान में कहा आईएसआईएस के आतंकवादियों ने सभी अपहृत भारतीय लोगों को मार डाला। इन मृतकों के अवशेष लेन विदेश राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह इराक जाएंगे और मृतकों के पार्थिव अवशेष को विमान से स्वदेश लाएंगे। यह विमान सबसे पहले अमृतसर जाएगा, जहां पंजाब और हिमाचल प्रदेश के लोगों के पार्थिव अवशेषों को उनके परिजनों को सौंपा जाएगा। इसके बाद यह विमान पटना एवं कोलकाता जाएगा।
हालाँकि सुषमा ने इराक से भारत लौटे हरजीत मसीह की बात को झूट बताते हुए कहा कि, मसीह ने मोसूल में बंधक बनाए गए लोगों के बारे में जो कहानी कही है वह सच्ची नहीं है। हरजीत मसीह को भी आतंकवादियों ने बंधक बनाया था, लेकिन वह अली बनकर बच गया और स्वदेश वापस आ गया।
इराक में डीप पेनेट्रेशन रडार के माध्यम से मारे गए लोगों के शरीर का पता चला जहां से लंबे बाल, कड़ा और जूते आदि भी बरामद किए गए हैं। डीएनए जांच के लिए भारत से नमूने भेजे गए थे और मार्टियस फाउंडेशन के माध्यम से डीएनए के मिलान किए गए।
स्वराज ने मारे गए लोगों को सदन की ओर से श्रद्धांजलि देने का सभापति से अनुरोध किया। इसके बाद सदस्यों ने दो मिनट मौन खड़े होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इससे पूर्व स्वराज ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले भी सदन में चर्चा हुई थी, लेकिन प्रमाण के अभाव में उन्होंने लोगों के मारे जाने की पुष्टि नहीं की थी। ऐसा करती तो यह पाप और गैर-जिम्मेदाराना होता।