सात साल बाद अन्ना फिर बैठे अनशन पर
सात साल बाद अन्ना हज़ारे फिर से हड़ताल पर। ऐतिहासिक भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद अन्ना आज से केन्द्र में लोकपाल नियुक्त करने की अपनी मांग को लेकर अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। अपनी पुराणी हड़ताल क्षेत्र यानि रामलीला मैदान में जहां वह 2011 बैठे थे वहीं इस आंदोलन को छेड़ा है।
अनशन पर बैठने से पहले वे राजघाट में महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर गए और श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वे शहीदी पार्क भी गए शहीदों को श्रद्धांजलि दी। हजारे ने पहले तिरंगा फहराया और फिर अनशन की शुरुआत की। इस बार अन्ना के साथ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एवं कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त एन संतोष हेगड़े हुए हैं।
ज्ञात हो, पिछले आंदोलन में उनके साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरबिंद केजरीवाल शामिल हुए थे।
इस दौरान अन्ना ने कहा कि वे इस बार अपनी मांगें पूरी करवाए बिना नहीं उठेंगे। प्रशासन पर ट्रेनों को रद्द कर उनके समर्थकों को रोकने का आरोप लगते हुए अन्ना ने कहा कि सरकार क्या चाहती है कि किसान हिंसा पर उतर आएं। उन्होंने कहा कि धरने पर बैठने से पहले मैंने सरकार को कई खत लिखे, जिसमें मैंने कहा कि मुझे किसी तरह के पुलिस प्रोटेक्शन की आवश्यता नहीं है। अन्ना ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनके किसी भी खत का जवाब नहीं दिया। बता दें कि वर्ष 2011 में भ्रष्टाचार की जांच के लिए लोकपाल के गठन की मांग को लेकर अन्ना इसी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे।