दुनिया के सामने जल्द भूखों का संघर्ष
एक तरफ जहाँ दुनिया में एक के बाद करोड़पति, अरबपतियों की संख्या बढ़ रही है। बैंक में जमा आम लोगों की करोड़ों चुराकर विदेश में ऐयासी कर रहें हैं वही दूसरी तरफ भूख से जूझने वाले लोगों की संख्या दिन दुगनी रात चौगुनी हो रही है। पिछले साल से बढ़कर यह संख्या 12 करोड़ 40 लाख हो गई। संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी के प्रमुख डेविड बीसली ने यह जानकारी देते हुए कहा, अगर इन लोगों को जल्द ही खाद्य सुरक्षा नहीं मिली तो इनकी मौत होने का खतरा है। उन्होंने कहा यह सभी जानते हैं कि जब भूख लगती है तब लोग एक दूसरे को गोली मारने से भी नहीं कतराते।
बीसली ने विडियो लिंक के जरिए शुक्रवार को सुरक्षा परिषद को बताया कि भूख से जूझ रहे तकरीबन 3 करोड़ 20 लाख लोग 4 संघर्षरत देश सोमालिया, यमन, दक्षिण सूडान और उत्तर-पूर्व नाइजीरिया में रह रहे हैं। इन देशों को पिछले साल अकाल की स्थिति से बचा लिया गया।
विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि भूख संघर्ष पैदा करती है। संघर्ष से खाद्य असुरक्षा पैदा होती है और खाद्य असुरक्षा से हिंसा फैलती है। लंबे समय से भूखे 81 करोड़ 50 लाख लोगों में से 60 फीसदी लोग संघर्षरत इलाकों में रहते हैं और उन्हें यह पता नहीं होता कि अगली बार खाना कहां से मिलेगा।
बीसली ने कहा, अगर भूख से जूझ रहे इन देशों की जल्द मदत नहीं की गयी तो जो आग भड़केगी उससे अछूता विकासशील दूसरे देश भी नहीं रह पाएंगे। हमे जल्द जी इसके पीछे का कारन ढूंढ उन्हें ख़त्म करना चाहिए।