November 23, 2024     Select Language
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गहरे प्रेम के बाद यौन सम्बन्ध बलात्कार नहीं, कोर्ट का फैसला

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न्यूज डेस्क

गहरे प्रेम के दौरान यौन सम्बन्ध के बाद उसे  बलात्कार की संज्ञा नहीं दिया जा सकता। बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच ने अपने एक फैसले में यह कहकर सम्बन्ध के मायने ही बदल दिया। कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि गहरे प्रेम की वजह से बने यौन संबंध को बलात्कार नहीं कहा जा सकता। जब ऐेसे प्रमाण हों कि पुरुष और महिला के बीच प्रेम संबंध था, तो ऐसे में महिला द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर इसकी व्याख्या बलात्कार के तौर नहीं हो सकती और न ही पुरुष को ऐसे मामलों में रेप का आरोपी बताया जा सकता है। कोर्ट ने यह फैसला 2013 के इस केस में योगेश पालेकर के मामले में सुनाया। इस मामले में योगेश जिस कसिनो में शेफ का काम करते थे, उसी कसिनो में काम करने वाली एक महिला ने शादी का वादा करके बलात्कार करने का आरोप लगाया था।

स्थानीय अदालत ने योगेश को इसके लिए 7 साल जेल की सजा सुनाने के साथ 10 हजार रुपए का जुर्माना भरने को भी कहा था, लेकिन सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आरोपी की सजा और जुर्माने को रद्द दिया है। जस्टिस सी. वी. भदांग ने कहा, यह जाहिर तौर पर दिखाता है कि उनके बीच गहरा प्यार था। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि क्योंकि महिला आर्थिक तौर पर पालेकर की मदद करती थी ऐसे में इस बात को भी स्वीकार नहीं किया जा सकता कि वह महिला का शारीरिक शोषण करने की स्थिति में था।

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