November 5, 2024     Select Language
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जल संकट की मार : देश के 404 जिलों में पड़ सकता है सूखा 

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न्यूज डेस्क

अभी गर्मी की शुरुआत ठीक से हुई नहीं के इसके दुष्परिणाम दिखने लगे। मौसम विभाग बता रही है की आने वाले महीनों में भयंकर गर्मी पड़ेगी। इससे भी बुरी खबर है कि पिछले मानसून में बारिश कम होने की वजह से अगले कुछ महीनों में देश के कई हिस्सों में जल संकट गहरा सकता है। हालात ये हैं कि 404 जिलों में सूखे की स्थितियां बन गई हैं।

मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल अक्टूबर से मार्च 2018 तक स्थिति देखें तो देश के कुछ हिस्सों में अगले कुछ महीनों में पड़ने वाली भीषण गर्मी से उत्पन्न सूखे के हालात की भयावहता नजर आती है।

मौसम विभाग के मुताबिक, 404 जिलों में से 140 जिलों में अक्टूबर 2017 से मार्च 2018 की अवधि में अत्यंत सूखा करार दिया गया। 109 जिलों में मामूली सूखा, जबकि 156 जिलों में हल्के सूखे की स्थितियां बताई गईं हैं। आईएमडी डेटा से देशभर में 588 जिलों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि 153 जिले बेहद सूखी श्रेणी में हैं।

स्टैंडर्ड प्रीसिपीटेशन इंडेक्स (SPI) से मौसम विभाग सूखे की स्थिति को आंकता है। इसे बारिश और सूखा मांपने के लिए +2 और -2 के दो पैमानों का इस्तेमाल होता है। यहां 2 और उससे ज्यादा के स्केल पर चरम नमी को दर्शाता है। वहीं, -2 का स्केल बेहद सूखे की स्थिति को दर्शाता है।

उत्तर-पश्चिम भारत में सबसे कम बारिश हुई है। इनमें तीन पहाड़ी राज्यों के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। इन राज्यों में पिछले मॉनसून के सीजन में 10 फीसदी कम बारिश हुई। अक्टूबर से दिसंबर के बीच 54 फीसदी कम बारिश हुई. वहीं, जनवरी से फरवरी 2018 के बीच 67 फीसदी कम बारिश हुई।

आईएमडी के मुताबिक एसपीआई डाटा देश के कई हिस्सों में पानी के संकट की संभावना का संकेत देता है। यह सूखे का पूर्वानुमान बिल्कुल नहीं बताता. अधिकारी ने कहा, “यह जिला प्रशासनों का काम है, जो अपने क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता की स्थिति पर गौर करें।

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