भारत तो आये पर 22 साल बाद भी वापस नहीं गए यह 15 पाकिस्तानी नागरिक, वजह जानकर उड़ जायेंगे होश
सुरक्षा एजैंसियां इनको ट्रेस करने में नाकाम रही हैं।जानकारी के अनुसार ये पाकिस्तानी नागरिक लखनऊ में होने वाले भारत-पाक क्रिकेट मैच देखने के लिए वाया अटारी बार्डर सड़क मार्ग से भारत में दाखिल हुए थे और इसके बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गए, लेकिन दिल्ली के बाद कहां गायब हो गए इसके बारे में सुरक्षा एजैंसियों को आज भी कोई जानकारी नहीं है। एक पाकिस्तानी नागरिक दिल्ली पुलिस के हत्थे जरूर चढ़ा था, लेकिन उससे भी अन्य गायब हुए पाकिस्तानी नागरिकों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।
अमृतसर में हर वर्ष लगने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में भी इस बार भारत सरकार ने पाकिस्तान के 220 से ’यादा व्यापारियों को वीजा नहीं दिया है। उसके पीछे भी बड़ा कारण भारत-पाक के बिगड़ रहे हालात हैं, जबकि लाहौर चैंबर ऑफ कामर्स, कराची चैंबर, गुजरांवाला चैंबर, सरगौदा चैंबर, इस्लामाबाद चैंबर ऑफ कामर्स, बलोचिस्तान चैंबर ऑफ कामर्स व सिन्ध चैंबर ऑफ कामर्स के व्यापारी भारी गिनती में अमृतसर में चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में शामिल होते रहे हैं।
भारतीय सेना चाहे थल सेना हो या फिर वायु सेना, इनके अधिकारियों को पाकिस्तानी खुफिया एजैंसी हनी ट्रैप में फंसा रही है। इसकी पुष्टि केन्द्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से लगातार की जा रही है। हाल ही में पाकिस्तानी युवक के साथ शादी करने वाली किरण बाला इसका बड़ा सबूत है और शनिवार को अटारी रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ वापस न लौटे नौजवान युवक अमरजीत सिंह का केस भी एक जैसा लग रहा है। अमरजीत जिसकी आयु करीब 25 वर्ष है, उसका गायब होना सुरक्षा एजैंसियों के लिए सिरदर्द बन चुका है। इतना ही नहीं अभी एक महीना पहले ही पाकिस्तान से आए एक जत्थे से मुस्लिम नौजवान का गायब हो जाना और फिर किसी हिन्दू लड़की से मिलते हुए पकड़ा जाना यह सबूत है कि पाकिस्तानी आई.एस.आई. एजैंसी भारतीय युवाओं को हनी ट्रैप में फंसा रही है। इस मामले में पता चला है कि ज्यादातर बेरोजगार नौजवान पाकिस्तानी एजैंसी के शिकार हो रहे हैं क्योंकि ऐसे युवाओं को फंसाने के लिए आई.एस.आई. भारी-भरकम राशि खर्च कर रही है।