भारत के इस लाल ने प्लास्टिक से सड़के बना दुनिया को डाला अचम्भे में
न्यूज डेस्क
डामर और बजरी से नहीं प्लास्टिक से ही बना डाला रोड। इस करनामे का हक़दार प्रोफेसर राजगोपालन वासुदेवन हैं, जिन्हे दुनिया अब प्लास्टिक मैन ऑफ इंडिया के नाम से भी पुकार रही है।राजगोपालन मदुरई के पास त्यागराजार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में केमिस्ट्री के प्रोफेसर हैं। प्रोफेसर ने अपने शहर से रोज निकलने वाले लगभग 400 मीट्रिक टन ठोस कचरों के ढेर से कारनामा कर दिखाया।
उन्होंने आम प्लास्टिक को डामर में कोलतार के लिए उपयोग में लाने के लिए बदल दिया। प्रयोगशाला में इस बेकार प्लास्टिक को डामर के साथ गरम किया और अच्छे परिणाम मिले। उन्होंने सबसे पहली प्लास्टिक की सड़क अपने कॉलेज कैंपस में बनाई।
ये सड़क डामर की सड़क के मुकाबले ज्यादा टिकती है। बताया जाता है कि इस सड़क में जरा सा भी क्रैक नहीं आता। प्लास्टिक से बनी रोड में पैसों की बचत भी होती है। लोगों को हैरान कर 11 राज्यों में 10,000 किमी से ज्यादा सड़क प्लास्टिक से बन चुकी है।
अब प्रोफेसर से इनका पेटेंट खरीदने के लिए देश-विदेश की कंपनियां कतार में है। लेकिन भारत के इस लाल ने पैस छोड़ भारत सरकार को यह टेक्नॉलजी मुफ्त में दे दी। साल 2018 में भारत सरकार द्वारा उन्हें देश के चौथे सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया।