July 3, 2024     Select Language
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सगे हो या सौतेले, बुजुर्ग माता-पिता को घर से निकाला तो होगी 6 महीने की जेल

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न्यूज डेस्क

अब एहसान फरामोश बच्चों पर पड़ेगी कानून की मार। बुजुर्ग माता-पिता को उनका सन्मान दिलाने देश के पुराने कानून में तब्दीलियां लानी की तैयारी कर रही है मोदी सरकार। सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय द्वारा दी गई सिफारिश के मुताबिक अपने बुढ़े माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार या घर से बाहर निकालने पर उन बच्चों को छह महीने की सजा दी जाएगी, इससे पहले तीन महीने की सजा देने का प्रावधान था। लेकिन अब इसे बदला जाएगा। कल्याण कानून, 2007 की जगह सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल और कल्याण कानून, 2018 का मसौदा तैयार किया जाएगा।

सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के सिफारिश के मुताबिक बच्चों की परिभाषा में दत्तक या सौतेले बच्चों, दामाद और बहुओं, पोते – पोतियों, नाती-नातिनों और ऐसे नाबालिगों को भी शामिल करने की सिफारिश की गयी है जिनका प्रतिनिधित्व कानूनी अभिभावक करते हैं।
मौजूदा कानून में सिर्फ सगे बच्चे और पोते-पोतियां को ही शामिल किया है। अगर मंत्रालय की सिफारिश को माना जाता है तो सौतेले बच्चों, दामाद और बहुओं, पोते – पोतियों, नाती-नातिनों आदि को भी बच्चा माना जाएगा और ये अगर माता-पिता या बुजुर्गों के साथ खराब व्यवहार करते हैं तो उन्हें छह महीने की सजा हो सकती है।

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