July 4, 2024     Select Language
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साफ्टवेयर इंजीनियर दानिश, यूनिवर्सिटी टॉपर मंजर जैसे 18 कर रहे थे देशद्रोह, कोर्ट में दोषी करार

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न्यूज डेस्क

आतंकी बनने गए 18 युवकों को कोर्ट ने दोषी करार दिया। यह 18 स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया(सिमी) के आतंकी ट्रेनिंग कैंप में शामिल होने के गए थे जिन्हे बाद में गिरफ्तर कर लिया गया। आरोप में रांची के दानिश रियाज उर्फ सफी, मंजर इमाम समेत 18 आरोपियों को एर्नाकुलम कोर्ट ने दोषी पाया गया है। गिरफ्तारी के बाद मंजर ने स्वीकार किया था कि वह आतंकी कैंप में शामिल होने गया था।

एर्नाकुलम की अदालत ने दानिश और मंजर को आईपीसी की धारा 120 बी, यूएपीए एक्ट और एक्सप्लोसिव सबस्टांस एक्ट के तहत दोषी पाया है। इनके अलावा 16 अन्य लोगों को भी कोर्ट ने दोषी करार दिया है। बता दें कि बरियातू बस्ती का रहने वाला दानिश रियाज आंध्रप्रदेश की साइबर सिटी में एक निजी कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर था। जबकि मंजर इमाम रांची यूनिवर्सिटी का उर्दू टॉपर था। मंजर को एनआईए की चार्जशीट में उर्दू किताबों का विक्रेता बताया गया है।

साल 2008 में केरल के स्पेशल ब्रांच के डीएसपी केआर कृष्णा के बयान पर केरल के कोट्टायम जिले के मुंडाकायम थाने में एफआईआर दर्ज करायी गई थी। एफआइआर में जिक्र था कि इलाके के वागामोन, थंगलपाड़ा में सिमी के आतंकियों ने दिसंबर 2007 में भारत में जेहाद के नाम पर आतंकी ट्रेनिंग शिविर का आयोजन किया था। इस शिविर में 43 संदिग्धों के नाम एफआइआर दर्ज होने के बाद गृह मंत्रालय के आदेश पर साल 2010 में एनआईए ने अपने हाथों लिया। एनआईए की जांच में यह बात सामने आयी थी कि शिविर में भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने, सांप्रदायिक सौहार्द्र खराब करने के साथ-साथ सभी को शारीरिक ट्रेनिंग, हथियार चलाने, बम और विस्फोटक बनाने, मोटरसाइकिल रेसिंग आदि प्रशिक्षण दी ई थी।

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