जरा संभलकर : अब फिंगरप्रिंटिंग या आंखों का स्कैन नहीं चाल से ही पहचान लेगा यह आर्टिफिशियल सिस्टम
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न्यूज डेस्क
हवाईअड्डे पर फिंगरप्रिंटिंग या आंखों को स्कैन करने की जगह अब ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमल होगा जो की लोगों की चाल और उसके चलने-फिरने के पैटर्न को मापकर उनकी पहचान कर सकता है। वैज्ञानिकों द्वारा तैयार यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व्यक्ति के कदम का बस थ्रीडी और समयाधारित डाटा से मूल्यांकन कर सफलतापूर्वक उसकी पहचान कर सकता है। ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय और स्पेन में मैड्रिड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित इस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ने प्रयोग के समय व्यक्ति की करीब शत-प्रतिशत सही पहचान की और उसमें त्रुटि महज 0.7 फीसदी थी।
फिलहाल फिंगरप्रिंट, चेहरे की पहचान, आंख की पहचान जैसे शारीरिक बायोमैट्रिक्स, सुरक्षा उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल में आते हैं। मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के उमर कोस्टिला रेएस ने कहा, हर व्यक्ति में चलने के दौरान करीब 24 भिन्न-भिन्न कारक और गतिविधियां होती हैं, फलस्वरुप उसमें अनोखा एकल चहलकदमी पैटर्न होता है।
अतएव फिंगरप्रिंट या नेत्र की भांति इन गतिविधियों की निगरानी का इस्तेमाल व्यक्ति की पहचान और उसके सत्यापन में किया जा सकता है। सैंपल और डाटासेट तैयार करने के लिए टीम ने तल संवेदी और उच्च क्षमता वाले कैमरों का इस्तेमाल किया। इस डाटासेट को स्फूटबीडी कहा जाता है।
अतएव फिंगरप्रिंट या नेत्र की भांति इन गतिविधियों की निगरानी का इस्तेमाल व्यक्ति की पहचान और उसके सत्यापन में किया जा सकता है। सैंपल और डाटासेट तैयार करने के लिए टीम ने तल संवेदी और उच्च क्षमता वाले कैमरों का इस्तेमाल किया। इस डाटासेट को स्फूटबीडी कहा जाता है।