पूर्वोत्तर भारत के यह वाटरफॉल्स, गर्मी में कुछ खास है सैलानियों के लिए
फोटो waterfals north india
प्राकृतिक पर्यटन के मामले में पूर्वोत्तर भारत शुरू से ही सैलानियों की पहली पंसद रहा है। देश-विदेश से आए पर्यटक यहां आरामदायक समय बिताना ज्यादा पसंद करते हैं। भारत के अन्य पर्यटन गंतव्यों के मुकाबले आप यहां किसी भी मौसम में आ सकते हैं। खासकर गर्मियों के दौरान यहां के पहाड़ी गंतव्यों का प्लान बनाया जा सकता है।
नोक्कलिकाई फॉल्स : 40 मीटर की ऊंचाई वाला नोक्कलिकाई फॉल्स भारत के सबसे ऊंचे जलप्रपातों में गिना जाता है। यह अद्भत जल प्रपात पूर्वोत्तर राज्य मेघालय के चेूरापूंजी में स्थित है। चेूरापूंजी विश्व के सबसे नम स्थानों में गिना जाता है। मेघालय आने वाले इस विशाल जलप्रपात को देखने लिए जरूर आते हैं। आप जैसे-जैसे इस नोक्कलिकाई फॉल्स की ओर बढ़ते जाएंगे गिरते जल का कोलाहल आपको उसी अनुपात में आनंदित करता जाएगा। यह जल प्रपात छोटे पठार पर एकत्रित वर्षा जल से द्वारा जल प्राप्त करता है। इसलिए दिसंबर से जनवरी के मध्य यहां पानी गिरना बंद हो जाता है। यहां का अद्भुत नजारा आप मानसून के दौरान देख सकते हैं।
लैंगशियांग फॉल्स : नोक्कलिकाई फॉल्स के बाद लैंगशियांग फॉल्स भी पूर्वोत्तर के सबसे खास जलप्रपातों मे गिना जाता है। लैंगशियांग पश्चिम खासी पहाड़ियों की गोद में संगरियांग गांव के पास स्थित है। नोंगस्टोइन से यहां तक की दूरी मात्र 24 किमी रह जाती है। यह जल प्रपात इतना बडा है कि इसे मोवोन गांव से भी गिरते हुए देखा जा सकता है। इस फॉल्स की कुल ऊंचाई 337 मीटर यानी 1,106 फीट दर्ज की गई है। इस जलप्रपात को भारत के सबसे ऊंचे जलप्रपातों में गिना जाता है।
नोह्ससिथियांग फॉल्स : नोह्ससिथियांग फॉल्स को मौसमी और सात बहनों के झरने के नाम से भी जाना जाता है। यह जलप्रपात मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले के मौसमी गांव से 1 किमी दक्षिण में स्थित है। इस झरने की कुल ऊंचाई 315 मीटर यानी 1033 फीट है और चौड़ाई 70मीटर की है। यह विशाल जलप्रपात भारत के चुनिंदा सबसे खास जलप्रपातों में गिना जाता है। यह जलप्रपात बरसात के दिनों में खासी की चुना पत्थर की चट्टानों की चोटी से गिरता है। पूर्वोत्तर की सैर के दौरान आप यहां का प्लान जरूर बनाएं
कयनरम फॉल्स : केनरम फॉल्स को भारत का सातवां सबसे ऊंचा जलप्रपात कहा जाता है। यह वाटरफॉल मेघालय के पूर्वी खासी पहाड़ियों के तट पर चेरापूंजी से 12 किलोमीटर दूर थांगखारंग पार्क के अंदर स्थित है। कयनरम झरनों का समूह है जहां तीन तिहाई झरने है। यहां पानी 305 मीटर की ऊंचाई से गिरता है।
वान्टावंग फॉल्स : यह जलप्रपात थेंज़वल से 5 किमी की दूरी पर स्थित है। सरचिप से लगभग 30 किमी और आइजोल से 137 किमी दूर, वांतावंग फॉल्स को मिजो भाषा में वांतावंग खौथला भी कहा जाता है। अपनी 229 मीटर की ऊंचाई के साथ यह जलप्रपात भारत का 13वां सबसे ऊंचा जलप्रपात है।