स्पोर्ट्स डेस्क
भारत में आज तक कई महान खिलाडियों को जन्म दिया। जिन्होंने अपने अच्छे प्रदर्शन से पुरे दुनिया में भारत का नाम रोशन किया। इनमें से कुछ तो महान खिलाड़ी बनकर उभरे, वहीं कुछ एवरेज बन कर रह गए। लेकिन इन सभी के अलावा कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत तो बेहतरीन प्रदर्शन के साथ की। लेकिन स्थिरता रखने में कामयाब नहीं रहे और आज गुमनाम हो चुके हैं।आज हम ऐसे ही 10 भारतीय खिलाड़ियों की बात करने वाले हैं जो करियर के शुरुआती दौर में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद लंबे समय तक टिक नहीं पाए।
परवेज रसूल: परवेज ने जम्मू-कश्मीर के लिए और रणजी ट्रॉफी में बहुत अच्छा खेल दिखाया था, जिसके चलते उन्हें आईपीएल में खेलने का मौका मिला। लेकिन भारत के दौरान खेलते हुए परवेज कोई खास कमाल नहीं कर पाए। इसी कारण से उन्हें बड़ी पहचान नहीं मिल सकी।
वसीम जाफर : वसीम रणजी ट्रॉफी के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं। फिलहाल वे रणजी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। इसके बावजूद वे भारतीय टीम के लिए खास साबित नहीं हुए। 2008 के बाद से उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिली।
परविंदर अवाना : रणजी ट्रॉफी में परविंदर के शानदान प्रदर्शन के बाद 2012 में किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें खरीदा था। इसके अलावा 2012 में ही उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 मैच खेलने के लिए चुना गया था। इस सीरीज के 2 मैचों में ही उन्होंने 71 रन दे दिए थे, जिसके चलते उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया था। 2015 के बाद से परविंदर को आईपीएल में भी जगह नहीं मिली।
ऋषि धवन : हिमाचल प्रदेश के ऋषि धवन एक रालराउंड के रूप में उभरे थे। हिमाचल के लिए शानदार प्रदर्शन करने के बाद उन्होंने भारतीय टीम के लिए कुछ मैच खेले, लेकिन उनका खेल प्रभावी नहीं रहा। साथ ही वो आईपीएल के कुछ सीजन में भी नज़र आए पर वहां भी वे असफल रहे। उन्होंने 2016 में भारत के लिए आखिरी मैच खेला था। इसके बाद से वे लाइमलाइट से दूर हैं।
सुब्रमण्यम बद्रीनाथ : सुब्रमण्यम बद्रीनाथ तमिलनाडू के कप्तान रहे हैं। घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बद्रीनाथ 2013 और 2015 में आईपीएल का भी हिस्सा बने। लेकिन भारतीय टीम के लिए उनका खेल प्रभावी साबित नहीं हुआ। बद्रीनाथ और विराट कोहली ने एक साथ 2008 में श्रीलंका के खिलाफ ODI सीरीज से अपना डेब्यू किया था। इसके बाद उन्हें खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले।
राहुल शर्मा : आईपीएल के 5 वे और 6 वे सीज़न में राहुल किफायती बॉलर्स में से थे। लेकिन उसके बाद वे अच्छा खेल नहीं पाए। 2012 के बाद राहुल भारत के लिए नहीं खेले। आईपीएल के 8 वे सीजन के बाद किसी भी टीम ने उनका चयन नहीं किया।
सदगोपन रमेश: बाएं हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के ऑफब्रेक गेंदबाज हैं। ODI मैच में अपनी पहली ही गेंद पर विकेट लेने वाले वे पहले भारतीय क्रिकेटर हैं। करियर की शुरुआत में अच्छा प्रदर्शन करने वाले सदगोपन अपने खेल में निरंतरता बरकरार नहीं रख पाए। इसी के चलते 2001 के बाद से उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिली।
अभिमन्यु मिथुन :
कर्नाटक के पेस बॉलर अभिमन्यु ने अपने रणजी ट्रॉफी के पहले सीजन में 47 विकेट लेकर एक अलग ही पहचान बनाई थीं। उन्होंने 2010 में श्रीलंका के खिलाफ अपना डेब्यू मैच खेला था, जिसमें 4 विकेट लेकर 105 रन दिए थे। 2011 से बाद से अभिमन्यु ने भारत के लिए कोई मैच नहीं खेला।
फैज फजल: महाराष्ट्र में जन्में फैज फजल ने घरेलू क्रिकेट में 14 सालों तक बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसके बावजूद भी उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने का मौका केवल एक ही बार मिला। जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए उस मैच में फैज ने 55 रनों की शानदारी पारी खेली। इसके बाद भी उन्हें फिर से टीम में खेलने का मौका नहीं मिला।
पंकज सिंह: राजस्थान के लिए सबसे अच्छे बॉलर साबित होने वाले पंकज सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना सिक्का नहीं जमा पाए। उन्होंने भारत के लिए एकमात्र ODI 2010 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था। इसमें पंकज ने बिना कोई विकेट लिए 45 रन दिए थे। पंकज ने 2014 के बाद से भारतीय टीम के लिए कोई मैच नहीं खेला।