ऑस्ट्रेलिया में इसके लिए नहीं कोई जगह, 7 मस्जिदों को बंद कर निकाले जायेंगे 60 इमाम
चांसलर सबैस्टियन कुर्ज ने कहा कि सरकार वियना में एक कट्टरपंथी तुर्की राष्ट्रवादी मस्जिद को बंद कर रही है और छह मस्जिदों का संचालन करने वाले समूह अरब रिलिजियस कम्यूनिटी को भंग कर रही है। कुर्ज ने बताया कि यह फैसला तुर्की समर्थित मस्जिदों में बच्चों के गल्लीपोली की लड़ाई और मरने का अभिनय करने की तस्वीरें सामने आने के बाद लिया गया है। समानांतर समाज, राजीतिक इस्लाम और चरमपंथ की इस देश में कोई जगह नहीं है।
बता दें कि ‘फॉल्टर वीकली’ नाम के अखबार में यह तस्वीरें छपी थी। इनमें दिखाया गया था कि बच्चे सैन्य वर्दियों में मार्च और सेल्यूट कर रहे हैं। इसके बाद वे तुर्की झंडे लहरा रहे हैं और मरने का अभिनय करते हैं। फिर उनके शवों को एक साथ रखकर झंडों में लपेटा जाता है। दरअसल, ऑस्ट्रिया में 2015 में एक कानून लागू किया गया था, जिसके तहत कोई भी धार्मिक संगठन विदेशों से फंडिंग नहीं ले सकता। इसी नियम के जरिये विदेशों से चंदा पाने वाली मस्जिदों को बंद करने का फैसला लिया गया है। –
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न्यूज डेस्क ऑस्ट्रिया जल्द ही अपने सात मस्जिदों को हमेशा के लिए बंद करने जा रही है। इन मस्जिदों के 60 इमाम भी बर्खास्त किए जाएंगे। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह राजनीतिक इस्लाम और धार्मिक समूहों को मिलने वाले विदेशी धन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सात मस्जिद को बंद कर रही है। इमामों को भी हटाया जाएगा।
चांसलर सबैस्टियन कुर्ज ने कहा कि सरकार वियना में एक कट्टरपंथी तुर्की राष्ट्रवादी मस्जिद को बंद कर रही है और छह मस्जिदों का संचालन करने वाले समूह अरब रिलिजियस कम्यूनिटी को भंग कर रही है। कुर्ज ने बताया कि यह फैसला तुर्की समर्थित मस्जिदों में बच्चों के गल्लीपोली की लड़ाई और मरने का अभिनय करने की तस्वीरें सामने आने के बाद लिया गया है। समानांतर समाज, राजीतिक इस्लाम और चरमपंथ की इस देश में कोई जगह नहीं है।
बता दें कि ‘फॉल्टर वीकली’ नाम के अखबार में यह तस्वीरें छपी थी। इनमें दिखाया गया था कि बच्चे सैन्य वर्दियों में मार्च और सेल्यूट कर रहे हैं। इसके बाद वे तुर्की झंडे लहरा रहे हैं और मरने का अभिनय करते हैं। फिर उनके शवों को एक साथ रखकर झंडों में लपेटा जाता है। दरअसल, ऑस्ट्रिया में 2015 में एक कानून लागू किया गया था, जिसके तहत कोई भी धार्मिक संगठन विदेशों से फंडिंग नहीं ले सकता। इसी नियम के जरिये विदेशों से चंदा पाने वाली मस्जिदों को बंद करने का फैसला लिया गया है।