जिसने रानीखेत नहीं देखा उसने भारत को नहीं देखा
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उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। रानीखेत एक छोटा शहर है जो समुद्र तल से 1824 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां का शांत वातावरण, फूलों से ढके रास्ते, देवदार और पाईन के लम्बे लम्बे पेड़ हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। यहां पर बर्फ से ढकी मध्य हिमालयी पहाड़ियां भी दिखाई देती हैं। रानीखेत के बारे में कहा जाता है जिसने रानीखेत नहीं देखा उसने भारत देखा।
रानीखेत के नाम के बारे में कहा जाता है की सैकड़ों वर्षों पहले एक रानी यहां घूमने के लिए आई थीं लेकिन यहां की प्राकृतिक सुंदरता देख वे इतनी मंत्र मुग्ध हो गईं कि उन्होंने इस क्षेत्र को ही अपना स्थायी निवास बना लिया तभी से ही इस क्षेत्र को रानीखेत कहा जाने लगा।
यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थल इस प्रकार हैं-
गोल्फ कोर्स- रानीखेत का सबसे बड़ा आकर्षण है यहां का विश्व प्रसिद्ध गोल्फ का मैदान, इस मैदान को उपट कालिका के नाम से भी जाना जाता है। दूर-दूर तक फैले चीड़ व देवदार के लम्बे और घने पेड़ पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं।
चौबटिया गार्डन- रानीखेत जाकर पिकनिक मनाने की सोच रहे हैं तो चौबटिया पार्क का रुख कर सकते हैं। इस गार्डन को एशिया का सबसे बड़ा फलों का बगीचा माना जाता है, ये गार्डन मुख्यतः फलों का एक रिर्सच केंद्र हैं, यहां सेब, खुमानी और अखरोट के साथ ही कई अन्य पेड़ भी देखे जा सकते हैं।
भालू डैम- भालू डैम चौबटिया गार्डन से केवल 3 किमी की दूरी पर पड़ता है, ये डैम फिशिंग (मछली पकड़ना) के लिए काफी प्रसिद्ध है।
हेड़ाखान मंदिर- रानीखेत से 6 किमी दूर ये स्थान चिलियानौला के नाम से भी जाना जाता है। य़हां का वातावरण काफी शांत रहता है। यहां से हिमालय की विशाल पर्वत श्रृंखला आसानी से देखी जा सकती है। नंदा देवी पर्वत तो यहां से ठीक सामने नज़र आता है।
झूला देवी मंदिर व राम मंदिर- झूला देवी मंदिर दुर्गा माता को समर्पित है। यहां दूर से ही घंटियों की आवाज़ आनी शुरू हो जाती है। इस मंदिर में मनोकामना पूरी होने पर घंटी चढ़ाने की मान्यता है। पूरे मंदिर में आपको छोटी बड़ी घंटियां देखने को मिल जाएंगी। यहां से कुछ कदम की दूरी पर एक राम मंदिर भी है।
कैसे जाएँ-
हवाई मार्ग- यहां से 19 किमी की दूरी पर पंतनगर हवाई अड्डा है।
रेल मार्ग- यहां का प्रमुख रेलवे स्टेशन काठगोदम है जहां हर प्रमुख शहर से रेलें आती जाती हैं।
सड़क मार्ग- सबसे बेहतर विकल्प है। यह हर जगह से अच्छे से जुड़ा हुआ है, रानीखेत के लिए हर प्रमुख शहर से बसें भी उपलब्ध हैं।