‘जैसी सीरत, वैसी सूरत’ उलटी गंगा बहने की कहानी सुनाता है विज्ञान
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कोलकाता टाइम्स
इंसान का शरीर कैसा रहेगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसका मन कैसा है, कैसा सोच रहा है ? इसकी खास वजह है हॉर्मोन। मन जिस स्थिति में होता है, मस्तिष्क द्वारा हार्मोनों का स्राव भी उसी के अनुरूप होता है और शरीर की काया हार्मोनों द्वारा निर्मित होती है। आइए जाने अलग-अलग तरह की मनःस्थिति से जुड़े हॉर्मोन और उनसे पड़ने वाले प्रभावों को।
चालाकी : इस स्थिति में मन अंदर ही अंदर अपना लाभ ही देखता है।
हार्मोन : थाइरोक्सिन, इंसुलिन, एड्रीनोलिन का अल्प स्राव
प्रभाव : थाइराइड, डायबिटीज, कैंसर, उच्च रक्तचाप, एलर्जी जैसी समस्या।
घृणा, ईर्ष्या, जलन, बेईमानी, चिंता
हार्मोन : वेसोप्रेसिन, टेस्टोस्टेरान, एण्ड्रोजन, गोंडाट्रॉफिन, ऑक्सीटोसिन का अल्प स्राव,
प्रभाव :नपुंसकता, बाँझपन, शीघ्रस्खलन, चिड़चिड़ाइट, अनिद्रा, जिद्दी स्वभाव जैसी समस्या।
कंजूसी, आलस्य, प्रमाद
हार्मोन :हाइपोथेलेमस अक्रिय मिस्क्सीडिमा, मेलोनीन सेरोटोनिन का अल्प स्राव
प्रभाव :कब्ज, अल्सर, एसिडिटी, डिप्रेशन, हाथ-पैरों में दर्द, मोटापा।
अकड़, अहंकार
हार्मोन : पेराथेमिन केलेटोनोमिन थायरोक्सिन, वेसोप्रेसिन ग्लूकोकार्टिको स्टेरॉइड का अल्प स्राव
प्रभाव : ऑस्टियोपोरोसिस, गठिया, प्रोस्टेट, किडनी समस्या, मोटापा।
निर्मल, साफ, स्वच्छ चित्त
हार्मोन : पेराथोमिन केलेटोलोमिन, थाइरोक्सिन, वेसोप्रेसिन ग्लूकोकार्टिकोस्टेराइड का अल्प स्त्राव
प्रभाव : गाढ़ी नींद, जोश, प्रसन्नता, हर स्थिति में खुशी ढूंढना मदद, प्रेम
हार्मोन : एड्रीनोलिन, हाइपोथेलेमस सक्रिय, ओड्रेनिल रसायन का स्त्राव
प्रभाव : आत्मविश्वास और
जीवन शक्ति से भरा हुआ, लचीला शरीर , गाढ़ी नींद