क्या आप जानती हैं अपना यह सच !
कोलकाता टाइम्स
कई महिलाएं प्राइवेट पार्ट की सफाई और इससे जुड़े विषयों पर बात करने से कतराती है और कई तरह के भ्रम दिमाग में बिठा लेती है। महिलाओं को ये बात समझनी जरुरी है कि वजाइना की केयर और सफाई उतनी ही जरुरी है जितनी की शरीर के बाकी हिस्सों की सफाई जरुरी है।
हर किसी की बॉडी की अपनी एक अलग महक होती है। हो सकता है कभी आपको ऐसा लगे कि आपकी वजाइना से ऐसी कोई महक आ रही है, तो इससे परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि कई बार पसीने और डिस्चार्ज की वजह से भी ऐसा होता है। बस एक नॉर्मल वॉश के बाद यह बंद हो जाएगी। लेकिन अगर आपको लगता है कि ऐसा लगातार हो रहा है और ये महक बहुत तेज़ है तो एक बार अपनी डॉक्टर से चेकअप करा लेने में कोई दिक्कत नहीं है।
प्यूबिक हेयर को आप ट्रिम करना चाहती हैं या हटाना चाहती हैं ये आपको सोचना चाहिए क्योंकि इससे आपकी वजाइनल हेल्थ पर कोई effect नहीं पड़ता। बस इन्हें रिमूव या शेव करते समय सावधानी बरतें। ताकि कहीं कट न लग जाए।
वजाइना से होने वाला व्हाइट डिस्चार्ज पूरी तरह से सामान्य है। व्हाइट डिस्चार्ज इस बात का संकेत है कि आपका वजाइना स्वस्थ है। व्हाइट डिस्चार्ज एक प्रकिया जिससे कि आपका वजाइना स्वस्थ रहता है। पीरियड के बाद होने वाले डिस्चार्ज को लेकर परेशान न हों। अगर जब तक आपके डिस्चार्ज का रंग सफेद की जगह हल्का पीला या हल्का लाल न हो जाएं या इससे बदबू आनी शुरु हो जाए तो आपको ग्यानी से जाकर मिल आना चाहिए।
अगर Periods से पहले या इसके बाद आपको irregular spotting होती है तो आपको ये सिंबल है कि internal problem है और आपको बिना देर किए Gynae से कंसल्ट करना चाहिए।
वजाइना में ड्रायनेस होना एक आम समस्या है। इसलिए इसको लेकर परेशान न हों। ये हार्मोनल बदलाव या Stress की वजह से भी हो सकता है। वजाइना में सूखापन के कारण संभोग के दौरान आपको बहुत दर्द हो सकता है। इस दिक्कत को दूर करने के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
महिलाओ की योनि में प्राकृतिक लुब्रीकेंट (स्नेहक) पाया जाता है. जिसे स्कुआलेन भी कहते है। जो संभोग के दौरान नेचुरल तरीके से योनी को लुब्रीकेंट करता है ताकि महिलाओं को संभोग के दौरान दर्द न हो।
134 बार चरमसुख की करती है प्राप्ति कई लोगों का मानना है कि महिलाओं का आसानी से ऑर्गेज्म नहीं आता है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि महिलाए एक घंटे के समयकाल के दौरान 134 बार चरमसूख तक पहुंच पाने में सफल होती है। वही पुरुष केवल 16 बार चरम सुख तक पहुंचने में सफल होते है।
क्लिोटोरिस क्लिोटोरिस, वुल्वा के सबसे अंदर का छोटा और सेंसेटिव भाग होता है। सेक्स को दौरान बहुत अधिक उतेजना या मास्टररबेट से भी Clitoris में दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा लंबे समय तक स्किनी जींस पहनना भी कई बार दिक्कत भरा हो सकता है।
ये आसानी से फैलने और मान लिया जाने वाला भ्रम है कि जो महिलाएं लंबे समय तक सेक्सुअली बहुत ज्यादा एक्टिव रहती हैं, उनकी वजाइनल मसल्स ढ़ीली पड़ जाती है। जबकि जो महिलाएं कम सेक्स करती हैं उनके साथ सेक्स करने में पुरुषोंको ज्यादा आनंद मिलता है। या वो खुद भी सेक्स को ज्यादा एंजॉय कर पाती हैं। दरअसल वजाइना की मसल्स के टिश्यू Naturally सिकुड़कर अपनी शेप में आ जाते हैं। इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप सेक्सुअली कितनी एक्टिव हैं।
Internet या दूसरे mediums पर देखने के बाद कई बार आपको लग सकता है कि आपकी vagina या labia (the outer lips ) का शेप या कलर तो ऐसा नहीं है। अगर आपको कभी भी ऐसा लगा है तो इसे लेकर परेशान न हो। हमारे Body Parts उनका कलर या साइज़ दूसरों से लाइट, डार्क, छोटे या बड़े हो सकते हैं। asymmetrical labia भी पूरी तरह Normal है।
आपने अक्सर सुना होगा कि पहली बार शारीरिक सम्बंध बनाने पर हायमेन फट जाती है और खून निकलता है जिससे ही महिला के कौमार्य का पता चलता है। यह बात सिर्फ एक मिथक है। यह कभी फटती नहीं बल्कि खींचती है। यह कोई बुलबुला या दाना नहीं है बल्कि ऊतक का एक हिस्सा है। डिलीवरी और सेक्सुअली एक्टिव रहने के कारण हाइमन की संरचना में बदलाव आ जाता है, इस दौरान इसमें आने वाले परिवर्तन को साफ तौर पर देखा जा सकता है। यह बहुत स्मूथ और आसानी से स्ट्रेच हो जाता है।