अब बच्चे पढ़ेंगे मौत का पाठ

यही वजह है कि बच्चों को स्कूलों में ही मौत से जुड़े पाठ पढ़ाए जाने की योजना बनाई गई है। ऑस्ट्रेलिया के डॉक्टरों का तर्क है कि अगर बच्चों को क्लासरूम में ज़रूरी कानूनों और नैतिक कर्तव्यों के अलावा इच्छामृत्यु के बारे में बताया जाएगा तो उनके लिए ऐसे मामले कम “तकलीफदेह” होंगे और इससे लोगों को बेहतर फैसले लेने में मदद मिलेगी। डॉक्टर रिचर्ड के मुताबिक युवाओं को अंतिम दिनों के लिए कड़े फैसले लेने के लिए तैयार करना बेहद ज़रूरी है। डॉक्टर रिचर्ड किड कहते हैं कि अगर स्कूलों में ये विषय पढ़ाया जाता है तो युवा इस बारे में बेहतर फैसला ले सकेंगे कि अंतिम दिनों में उनके रिश्तेदारों का इलाज किस तरह से किया जाए।
उनका कहना है कि मौत को लेकर बने टैबू की वजह से परिवार ज़रूरी फैसले लेने में बहुत देर कर देते हैं । ये टॉपिक पहले से मौजूद विषयों बॉयोलॉजी, मेडिसिन, लॉ एंड एथिक्स के हिस्से के तौर पर पढ़ाए जा सकते हैं। डॉक्टर किड कहते हैं मृत्यु से जुड़ी शिक्षा मिलने पर ऑस्ट्रेलिया, अमरीका और ब्रिटेन जैसे देश मेक्सिको के पद चिन्हों पर चलने लगेंगे। मेक्सिको में मृत्यु संस्कृति का अहम हिस्सा है. यहां तक की वहां के लोग मौत का जश्न भी मनाते हैं।