September 29, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular दैनिक धर्म स्वास्थ्य

अब बच्चे पढ़ेंगे मौत का पाठ

[kodex_post_like_buttons]
कोलकाता टाइम्स
मुमकिन है आने वाले वक्त में ऑस्ट्रेलिया के बच्चे अन्य विषयों के साथ-साथ मौत की पढ़ाई भी शुरू कर दें। ऑस्ट्रेलिया के मेडिकल एसोसिएशन क्वीन्सलैंड ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव पेश किया है। एसोसिएशन का कहना है कि युवा ज़िंदगी के अंत के बारे में जाने और खुलकर इसपर बात करें। डॉक्टरों के मुताबिक बेहतर होती चिकित्सा व्यवस्था और उम्रदराज़ होती आबादी ने परिवारों के सामने मुश्किल सवाल खड़े किए हैं। डॉक्टर रिचर्ड रिड कहते हैं, “हमारा मकसद है कि युवा अपने माता-पिता और दादा-दादी से जीवन के अंत को लेकर सहजता से बात कर सकें  ताकि वो जान सकें कि उनके बड़े किस तरह मरना चाहते हैं। ये जानकारी भविष्य में उनके काम आएगी।”फिलहाल युवा इस तरह के मुश्किल फैसलों को लेकर बात नहीं कर पाते, क्योंकि इसे लेकर एक तरह का टैबू है  जिसकी वजह से कई करीबी लोगों की मौत आपकी आंखों से दूर अस्पतालों में हो जाती हैं।

यही वजह है कि बच्चों को स्कूलों में ही मौत से जुड़े पाठ पढ़ाए जाने की योजना बनाई गई है। ऑस्ट्रेलिया के डॉक्टरों का तर्क है कि अगर बच्चों को क्लासरूम में ज़रूरी कानूनों और नैतिक कर्तव्यों के अलावा इच्छामृत्यु के बारे में बताया जाएगा तो उनके लिए ऐसे मामले कम “तकलीफदेह” होंगे और इससे लोगों को बेहतर फैसले लेने में मदद मिलेगी। डॉक्टर रिचर्ड के मुताबिक युवाओं को अंतिम दिनों के लिए कड़े फैसले लेने के लिए तैयार करना बेहद ज़रूरी है। डॉक्टर रिचर्ड किड कहते हैं कि अगर स्कूलों में ये विषय पढ़ाया जाता है तो युवा इस बारे में बेहतर फैसला ले सकेंगे कि अंतिम दिनों में उनके रिश्तेदारों का इलाज किस तरह से किया जाए।
उनका कहना है कि मौत को लेकर बने टैबू की वजह से परिवार ज़रूरी फैसले लेने में बहुत देर कर देते हैं । ये टॉपिक पहले से मौजूद विषयों बॉयोलॉजी, मेडिसिन, लॉ एंड एथिक्स के हिस्से के तौर पर पढ़ाए जा सकते हैं। डॉक्टर किड कहते हैं मृत्यु से जुड़ी शिक्षा मिलने पर ऑस्ट्रेलिया, अमरीका और ब्रिटेन जैसे देश मेक्सिको के पद चिन्हों पर चलने लगेंगे। मेक्सिको में मृत्यु संस्कृति का अहम हिस्सा है. यहां तक की वहां के लोग मौत का जश्न भी मनाते हैं।

Related Posts

Leave a Reply