September 28, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular सफर साहित्य व कला

यह है खूबसूरत और ऐतिहासिक शहर  चिकमगलूर

[kodex_post_like_buttons]
कोलकाता टाइम्स 
यह शहर अपनी चाय और कॉफी के बागानों के लिए जाना जाता है। इस जिले का एक बड़ा क्षेत्र है, ‘मलनाड’ यानी, भारी वर्षा होने वाला एक बड़ा सा पहाड़ी वन क्षेत्र। कहा जाता है कि सक्रेपटना के प्रसिद्ध प्रमुख रुक्मांगद की छोटी बेटी को यह शहर दहेज के रूप में दिया गया था। शहर का एक अन्य भाग हिरेमगलुर के नाम से जाना जाता है, जिसे बड़ी बेटी को दिया गया था। लेकिन कुछ पुराने शिलालेखों से पता चलता है कि इन दो स्थानों को किरिया-मुगुली और पिरिया-मुगुली के नाम से जाना जाता था।
हिरेमगलूर जो अब चिक्कमगलुर शहर का हिस्सा है, उसमें एक ईश्वरा मंदिर है जहाँ पर 1.22 मीटर ऊंचे गोलकार जदेमुनी की बड़ी ही चतुराई से बनाई गई प्रतिमा है। एक परशुराम मंदिर और एक काली मंदिर भी है।
यहां के धार्मिक महोत्सवों की भी अनूठी रंगत होती है जैसे श्रुन्गेरी के श्री जगद्गुरू शंकराचार्य दक्षिणाम्नाय महासंस्थानाम श्री शारदा पीठ या बलेहोंनुर के रंभापुरी मठ में मनाये जाने वाले श्री रेणुका जयन्ती या श्री वीरभद्र स्वामी महोत्सव। बिरुर के मैलारालिंगेस्वामी का दशहरा महोत्सव जहाँ पर इस क्षेत्र के रोमांचक और वीर रस पूर्ण लोक नृत्य डोल्लू कुनिता और वीरगासे, बाबा-बुदान गिरी का उर्स, कलसा के कलसेश्वर स्वामी का गिरिजा कल्याण महोत्सव या कोप्पा का वीरभद्र देवारा रथोत्सव भी देखा जा सकता है।
-सुग्गी हब्बा या फसल का त्यौहार ग्रामीण भागों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है और कोलता, सालू कुनिथा, सुत्तु कुनिथा, राजा कुनिथा और आग पर चलना देखने का दुर्लभ अवसर भी प्रदान करता है।

 

Related Posts

Leave a Reply