कोलकाता टाइम्स
भारत में ना ही मंदिरों की कमी है ना वहां मन्नत माँगनेवालों की। मन्नत मांगने का भी है अलग तरीका। किसी मंदिर में फूल तो किसी मंदिर में प्रसाद, तो किसी में अन्य का भोग चढ़कर श्रद्धालु अपनी इच्छा जाहिर करते हैं। लेकिन पंजाब में एक गुरुद्वारा है, जहां विदेश जाने की चाहत रखने वाले मत्था टेकने आते हैं और खिलौने चढ़़ाते हैं।
पंजाब के दोआबा इलाके के तल्हान गांव का यह गुरुद्वारा संत बाबा निहाल सिंह शहीदां को समर्पित है। और इस गुरुद्वारे को लेकर मिथक है कि जो व्यक्ति यहां खिलौना जहाज चढ़ाता है, विदेश जाने की उसकी इच्छा पूरी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसीलिए गुरुद्वारे के बाहर खिलौने वाली कई दुकानें लगी हुई हैं।
वीजा मंदिर
हैदराबाद के मेहदीपट्नम से 17 किलोमीटर दूर चिलकुर बालाजी मंदिर को वीजा टेंपल के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर सिर्फ शुक्रवार, शनिवार और इतवार के दिन खुलता है और यहां 70 हजार से एक लाख तक की भीड़ होती है। यहां लोग विदेश जाने के लिए वीजा की मन्नत मांगने आत हैं। अगर किसी की मन्नत पूरी हो गई तो वो मंदिर की 108 परिक्रमा करता है।
यह हैदराबाद के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है और सरकार जब मंदिरों को अपने नियंत्रण ले रही थी तो चिलकुर खानदान इसके खिलाफ कोर्ट पहुंच गया और मंदिर निजी ही बना रहा। मंदिर में कोई हुंडी या दानपात्र नहीं रखा जाता है। यहां केवल पार्किंग फीस ली जाती है और उसी से मंदिर का पूरा खर्च उठाया जाता है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ
सालों से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे कानपुर के रॉबी शर्मा ने भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर नाम से एक शनि मंदिर की स्थापना की है। उनका मानना है की भारत में भ्रष्टचार इतना बढ़ चुका है कि उसे कोई दैवीय शक्ति ही समाप्त कर सकती है।
वो कहते हैं कि हिन्दू धर्म में शनि भगवान न्याय के लिए जिम्मेदार हैं, इसलिए उन्होंने मंदिर शनि भगवान को समर्पित किया है। कल्याणपुर इलाके में स्थित इस मंदिर में फूल, मिठाई आदि चढ़ाना मना है। रोबी शर्मा मानते हैं कि देश में फैले भ्रष्टचार के लिए न्यायधीश, नेता, सांसद, विधायक, मंत्री सभी जिम्मेदार हैं इसीलिए इन सभी का मंदिर में प्रवेश वर्जित है।