एनसीएलटी के फैसले से साइरस की आखरी उम्मीद भी ख़त्म
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कोलकाता टाइम्स
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल के तरफ से टाटा मोटर्स के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री को बड़ा झटका लगा है। टाटा संस के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया है। याचिका ख़ारिज कर को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल ने अपने फैसले में कहा कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के पास इस बात का पूरा अधिकार है कि वह एग्जेक्युटिव चेयरमैन मिस्त्री को उनके पद से हटा सके। ट्रिब्युनल ने कहा कि अगर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का मिस्त्री पर भरोसा खत्म हो गया है तो वह उन्हें हटा सकते हैं।
मिस्त्री ने याचिका दायर करके टाटा संस द्वारा उन्हें चेयरमैन के पद से हटाए जाने का विरोध किया था। आपको बता दें कि टाटा मोटर्स ने 24 अक्टूबर 2014 को मिस्त्री को उनके पद से हटा दिया था, जिसके बाद उन्होंने टाटा ग्रुप की छह कंपनियों से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इसके बाद उन्होंने टाटा संस के खिलाफ याचिका दायर कर दी थी।
साइरस मिस्तीर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि टाटा ट्रस्टी और इसके डायरेक्टर ने उनका उत्पीड़न किया था, जिसकी वजह से उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था। यही नहीं उन्होंने कहा कि रतन टाटा के अव्यवस्थित प्रबंधन की वजह से कंपनी को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। टाटा ग्रुप ओर से आरोप लगाया गया था कि साइरस ने जानबूझकर संवेदनशील जानकारी को लीक किया, जिसकी वजह से ग्रुप की बाजार कीमत को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।
मिस्त्री ने याचिका दायर करके टाटा संस द्वारा उन्हें चेयरमैन के पद से हटाए जाने का विरोध किया था। आपको बता दें कि टाटा मोटर्स ने 24 अक्टूबर 2014 को मिस्त्री को उनके पद से हटा दिया था, जिसके बाद उन्होंने टाटा ग्रुप की छह कंपनियों से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इसके बाद उन्होंने टाटा संस के खिलाफ याचिका दायर कर दी थी।
साइरस मिस्तीर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि टाटा ट्रस्टी और इसके डायरेक्टर ने उनका उत्पीड़न किया था, जिसकी वजह से उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था। यही नहीं उन्होंने कहा कि रतन टाटा के अव्यवस्थित प्रबंधन की वजह से कंपनी को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। टाटा ग्रुप ओर से आरोप लगाया गया था कि साइरस ने जानबूझकर संवेदनशील जानकारी को लीक किया, जिसकी वजह से ग्रुप की बाजार कीमत को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।