July 1, 2024     Select Language
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शुभ अशुभ नहीं बीमारी के लक्षण है आँख फड़कना 

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कोलकाता टाइम्स

आपकी पलकों पर थोड़ी सी हलचल होती है और आप तपाक से अपने आसपास के लोगों से ऐसा सवाल पूछ बैठते हैं। इस सवाल का सभी अपने हिसाब से जवाब देते हैं और आपके हाथ सिर्फ कन्फ्यूजन ही आता है। तो चालिये आज हम आपके इस सवाल का जवाब दे देते हैं। हम आपको शुभ-अशुभ नहीं बल्कि कुछ तथ्यात्मक कारण बताएंगे।

आंखों का फड़कना, आपके स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ कहता है। कभी-कभी ऐसा कुछ सेकंड्स तक ही होता है तो कभी इसे बंद होने में 1-2 दिन लग जाते हैं। कुछ देर तक आंखों का फड़कना सामान्य बात है मगर कुछ मामलों में स्थिति गंभीर भी हो सकती है।

तो चलिए जानते हैं आंख फड़कने के वैज्ञानिक कारण।

आंखों के फड़कने को डॉक्टर्स की भाषा में ‘Myokymia’ कहा जाता है। इस स्थिति में आंखों की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं।  व्यस्त दिनचर्या के चलते तनाव होना बहुत आम बात हो गई है। जब हम तनाव में होते हैं तो हमारा शरीर विभिन्न तरीकों से प्रतिक्रिया देता है। आंखों का फड़कना भी इनमें से एक तरीका है।

कम्प्यूटर के इस्तेमाल, कुछ दवाइयों के कारण, कॉन्टेक्ट लेंस पहनने और कैफीन आदि के सेवन से आंखें ड्राय होने लगती हैं। आंखों को फड़कने से बचाने के लिए उनकी नमी बनाए रखनी चाहिए।

जिन्हें विजन संबंधी प्रॉब्लम्स होती हैं, उनकी आंखों पर अधिक जोर पड़ता है। ऐसा नंबर लगने या बढ़ने की स्थिति में होता है। इस वजह से आँख फड़क सकती है

शराब के सेवन से आंखें फड़कने लगती हैं। अगर आपको यह समस्या हो रही है तो कुछ दिन शराब से दूरी बनाकर रखें।

चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स और चॉकलेट आदि में कैफीन मौजूद होता है। इनके अत्यधिक सेवन से भी आंख फड़क सकती है। अगर कुछ दिनों से आंखें फड़क रही हैं तो इनका सेवन कम करके देखें।

कुछ स्टडीज में सामने आया है कि मैग्नेशियम जैसे कुछ पोषक तत्वों की कमी से आंख फड़कने की स्थिति बन जाती है।

जिन लोगों को आंखों से संबंधित एलर्जी है, उन्हें आँखों में खुजली, सूजन और पानी आना जैसी समस्याएं होती हैं। फिर जब वो उन्हें रगड़ते हैं तो पलकें भी फड़कने लगती है।

लगातार कंप्यूटर, मोबाइल या टेबलेट आदि की स्क्रीन देखते रहने से भी आंखें फड़कने लगती हैं। इससे बचने के लिए हर 20 मिनट में स्क्रीन से नजरें फिराकर ब्रेक लेने की आदत डालें।

आमतौर पर आंखें कुछ वक्त तक ही फड़कती हैं। लेकिन इसके लंबे समय तक बने रहने की स्थिति में ‘Benign Blepharospasm’ और ‘Hemifacial spasm’ जैसे डिसऑर्डर हो जाते हैं।

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