अब सांसदों को मिला 22 भाषाओं की सुविधा
अब राज्यसभा सांसद 22 भारतीय भाषाओं में से किसी में भी भाषण दे सकते हैं। यह 22 भाषायें संविधान की आठवीं सूची में शामिल है। गौरतलब है कि राज्यसभा सचिवालय ने आठवीं सूची में शामिल पांच अन्य भाषाओं डोगरी, कश्मीरी, कोंकणी, संथाली और सिंधी के लिए एक साथ अनुवाद की व्यवस्था की है। नायडू ने मंगलवार को औपचारिक रूप से इन भाषाओं के लिए अनुवादकों को टीम में शामिल किया।
इससे पहले राज्यसभा में 22 में से 11 भाषाओं असम, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलगु और उर्दू में अनुवादक की व्यवस्था थी. जबकि, बोडो, मैथली, मणीपुरी, मराठी, नेपाली भाषाओं में लोकसभा के अनुवादकों की व्यवस्था की जा रही है। नायडू ने कहा, ‘मैं हमेशा महसूस करता हूं कि मातृभाषा बिना किसी अवरोध के हमारे अनुभवों और विचारों को व्यक्त करने का स्वाभाविक माध्यम होती है।