5 साल की मासूम से ज्यादा क़ीमती अंडा : खाप पंचायत ने बच्ची को किया गांव से बहिष्कार, धुप-पानी में घर के बाहर बैठाये रखने का हुक्म
कोलकाता टाइम्स
खाप पंचायत ने एक तुगलकी फरमान ने एक बच्ची को भी नहीं बक्शा। घटना राजस्थान में बूंदी जिले के हरिपुरा गांव की है। खाप पंचायत के पंचों ने पांच साल की मासूम बच्ची रेखा से टिटहरी का अंडा फूट जाने पर उसे समाज से बहिष्कृत करने की सजा दे दी। मासूम बच्ची को 11 दिन तक उसके घर से बेदखल कर दिया गया। बच्ची को घर के बाहर लोहे के पलंग पर ही रहने की सजा दी गई। चाहे कितनी ही तेज बरसात हो या फिर धूप उसे घर के बाहर ही लोहे के पलंग पर रहने का फरमान पंचों ने सुनाया।
मासूम के परिजनों को हुक्म दिया गया कि वे उसे केवल भोजन और पानी उपलब्ध करवा सकेंगे, लेकिन घर के अंदर नहीं आने देंगे और न ही अधिक बातचीत करेंगे। परिजन बच्ची को छू नहीं सकेंगे।
गांव में पंचों का खौफ इतना ज्यादा है कि, द्वारा मंगलवार शाम सुनाए गए इस फरमान के बाद मासूम बच्ची के परिजनों ने इस फैसले का कोई विरोध तक नहीं किया। परिजन मंगलवार पूरी रात बच्ची के पलंग से कुछ दूर ही बैठे रहे, लेकिन वह पंचों के फैसले के खिलाफ इसिलए नहीं बोले, क्योंकि उन्हें इस बात का भय था कि वह कुछ बोलेंगे तो मासूम की सजा बढ़ा दी जाएगी।
इस मामले की जानकारी बुधवार को सुबह जिला पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों को मिली तो एक टीम गांव में भेजी गई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम गांव में पहुंची तब तक पंच फरार हो चुके थे। फिलहाल पुलिस बच्ची के घर पर पहरा दे रही है।
बता दे, राजस्थान में टिटहरी के अंडे देने से बरसात का अनुमान लगाया जाता है। यदि टिटहरी ने खुले में अंडे दे दिए तो यह माना जाता है कि बरसात अच्छी होगी, वहीं यदि खाघ अथवा गंदे स्थान पर अंडे दे दिए तो बरसात नहीं होगी।