July 1, 2024     Select Language
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यह है इंग्लिश देवी, मत्था टेकते ही बोलने लगेंगे फर्राटेदार इंग्लिश 

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कोलकाता टाइम्स 

फ्लूएंट और विदेशी एक्‍सेंट के साथ इंग्लिश सीखने के लिए आप कई अंग्रेजी क्‍लासेज में एडमिशन लेने की सोचते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां की देवी इंडियन नहीं बल्कि फॉरेनर है, साथ ही अगर आपने देवी के दर पे मत्था टेकतें ही आप किसी फॉर्रेनर से कम फ्लूएंट इंग्लिश बोलते हुए नजर नहीं आएंगे।

आपको ये पढ़कर हंसी आ रही होगी, लेकिन हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के बनका गांव की जहां पर दलित समाज के लोगों द्वारा इंग्लिश शिक्षा का महत्‍व समझते हुए अक्‍टूबर 2010 में इंग्लिश देवी का मंदिर स्थापित किया गया था।

इंग्लिश देवी की शक्ल किसी विदेशी मेम की तरह है जिनके एक हाथ में बड़ी सी कलम और दूसरे हाथ में एक किताब है। देवी ने सिर पर हैट लगा रखी है जो ये बताती है कि आज दौर अंग्रेजी का ही है। ये मूर्ति लिबर्टी ऑफ स्‍टेच्‍यू से प्रेरित हैं। और इनके मूर्ति पर बना धर्म चक्र बौद्ध धर्म का प्रतीक हैं। ये थी सोच.. इंग्लिश देवी इंलिश देवी की इस मूर्ति को यहां के एक स्कूल में स्थानीय दलित नेता के द्वारा स्थापित कराया गया है। यहां के लोगों का मानना है कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में पुरुषों के पास पढ़ने के ढेरों अवसर है मगर बात जब स्त्रियों की हो तो स्थिति सोचने वाली है। इस मूर्ति का उद्देश्य ये है कि महिलाऐं भी देवी को देख मॉडर्न बने और अपने अंदर शिक्षा का संचार करें। सीखनी होगी इंग्लिश लखीमपुर खीरी जिले के बनका के एक स्कूल में स्थापित ये मंदिर और ये मूर्ति दिखने में भी बड़ी विचित्र है। ये मूर्ति 20 किलो वजनी है और और पीतल की बनी हुई है।
असल मकसद अंग्रेजी देवी मंदिर की स्थापना का मूल उद्देश्य दलित समाज को यह संदेश देना है कि उनका उद्धार इस भाषा के ज्ञान से ही हो सकता है। इस मंदिर के निर्माण की वजह भी बड़ी दिलचस्प है, यहां के दलितों का मानना है कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने हमेशा से ही अंग्रेजी शिक्षा और उसके प्रचार प्रसार पर बल दिया था और कहा था कि यदि दलितों को उन्नति करनी है और आगे बढ़ना है तो उन्हें इंग्लिश सीखनी ही होगी स्‍थानीय लोगों की मान्‍यता.. यहां के स्थानीय लोगों का ये भी मानना है कि शिक्षा के हिसाब से आज दलित पुरुषों के पास काफी विकल्प है परन्तु महिलाओं की हालत ख़राब है और शिक्षा के क्षेत्र में वो ज्यादा ही पिछड़ी हैं, तो यदि इलाके में मंदिर होगा और ये महिलाऐं जब वहां मत्था टेकने जाएंगी तो इंग्लिश देवी उनमें शिक्षा ख़ास तौर से इंग्लिश भाषा का संचार करेंगी और वो इंग्लिश सीख जाएंगी। लखीमपुर खीरी जिले के बनका के एक स्कूल में स्थापित ये मंदिर और ये मूर्ति दिखने में भी बड़ी विचित्र है। मन्‍नते मांगने भी आते है लोग लोगों की मानें तो इस मंदिर में आसपास के गांव के पिछड़े हुए लोग यहां इंग्लिश देवी के मंदिर यह मन्‍नत लेकर आते हैं कि उनके बच्‍चों का एडमिशन सबसे अच्‍छी इंग्लिश स्‍कूल में हो जाएं और उनके बच्‍चें भी इंग्लिश में महारत हासिल करें, यहीं आस लिए वो आते हैं।

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