चीन ने उठाया इस्लाम को देश से ख़त्म करने का बीड़ा, मुश्लिम बच्चों की पढाई पर लगाया प्रतिबंध
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कोलकाता टाइम्स
चीन को अब इस्लाम से खतरा मह्सुश होने लगा है। जिस कारण अब वह अपने देश में इस्लाम को जड़ से खत्म करने के लिए काम कर रहा है। कुछ समय पहले चीन ने अपने देशवासियों को इस्लाम का अनुसरण न करने और मार्क्सवादी विचारधारा को ही मानने की नसीहत दी थी जिसका पूरी दुनिया खासकर पाकिस्तान में तीखा विरोध हुआ । अब शिंजियांग प्रांत के बाद पश्चिमी चीन के ‘लिटिल मक्का’ (गांसू प्रांत) में भी नास्तिक सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी मुस्लिम बच्चों को धर्म और इस्लामिक शिक्षा से दूर रखने का हिटलरी फरमान जारी किया गया है।
चीन में बहुत कम संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग है। शिंजियांग प्रांत में जो भी उईगर समुदाय के मुस्लिम बहुसंख्यक है, उनके खिलाफ पहले से ही चीन सरकार कई चीजों को लेकर उनका दायरा सीमित कर चुकी है। और अब नए आदेश में ‘लिटिल मक्का’ में 16 साल से कम उम्र के बच्चों को नमाज और इस्लामिक शिक्षा से दूर रहने के लिए कहा है। चीन सरकार ने ध्वनि प्रदूषण का तर्क देते हुए सभी 355 मस्जिदों से लाउड स्पीकरों को हटाने के लिए पहले से ही आदेश दे चुकी है। मस्जिदों के ऊपर चीन का राष्ट्रीय झंडा लगाने का भी आदेश दिया गया है। वहीं दाढ़ी रखने पर भी पाबंदी लगाई गई है। चीन की यह नसीहत शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर समुदाय के लोगों के लिए है जो हाल के वर्षों में काफी चीनी सरकार के प्रति काफी उग्र हुए हैं।
‘लिटिल मक्का’ में गर्मी और सर्दी की छुट्टियों के दौरान एक हजार से ज्यादा बच्चे कुरान को समझने और पढ़ने के लिए मस्जिद आते हैं, लेकिन चीन की सरकार ने इस पर अब प्रतिबंध लगा दिया है। चीनी अधिकारियों ने मुस्लिम माता-पिताओं को कहा है कि कुरान की पढ़ाई को प्रतिबंध करने से उन्हीं के बच्चों को फायदा है। उन्हें एक धर्मनिरपेक्ष पाठ्यक्रम अपनाने को कहा गया है।
चीन में बहुत कम संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग है। शिंजियांग प्रांत में जो भी उईगर समुदाय के मुस्लिम बहुसंख्यक है, उनके खिलाफ पहले से ही चीन सरकार कई चीजों को लेकर उनका दायरा सीमित कर चुकी है। और अब नए आदेश में ‘लिटिल मक्का’ में 16 साल से कम उम्र के बच्चों को नमाज और इस्लामिक शिक्षा से दूर रहने के लिए कहा है। चीन सरकार ने ध्वनि प्रदूषण का तर्क देते हुए सभी 355 मस्जिदों से लाउड स्पीकरों को हटाने के लिए पहले से ही आदेश दे चुकी है। मस्जिदों के ऊपर चीन का राष्ट्रीय झंडा लगाने का भी आदेश दिया गया है। वहीं दाढ़ी रखने पर भी पाबंदी लगाई गई है। चीन की यह नसीहत शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर समुदाय के लोगों के लिए है जो हाल के वर्षों में काफी चीनी सरकार के प्रति काफी उग्र हुए हैं।
‘लिटिल मक्का’ में गर्मी और सर्दी की छुट्टियों के दौरान एक हजार से ज्यादा बच्चे कुरान को समझने और पढ़ने के लिए मस्जिद आते हैं, लेकिन चीन की सरकार ने इस पर अब प्रतिबंध लगा दिया है। चीनी अधिकारियों ने मुस्लिम माता-पिताओं को कहा है कि कुरान की पढ़ाई को प्रतिबंध करने से उन्हीं के बच्चों को फायदा है। उन्हें एक धर्मनिरपेक्ष पाठ्यक्रम अपनाने को कहा गया है।