सऊदी सरकार ने प्रवासियों का किया हुक्का-पानी बंद, भारी संख्या में लौटने को मजबूर भारतीय
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कोलकाता टाइम्स
अमेरिका के बाद सऊदी अरब। प्रवासियों के लिए सऊदी अरब में रहना भी दूभर हो गया है।अमरीका की तर्ज पर सऊदी सरकार द्वारा प्रवासियों पर नए फर्मान के कारण यहां रहने वाले हजारों भारतीय वतन लौटने को मजबूर हैं। सऊदी फर्स्ट की नीति और विदेशियों के लिए फैमिली टैक्स दोगुना किए जाने कारण प्रवासियों का इस देश में रहना कठिन होता जा रहा है। मुश्किल की बात ये है कि 2020 तक फैमिली टैक्स चार गुना कर दिया जाएगा। इसके अलावा बिजली, पानी और ईंधन के दामों में भारी बढ़ोतरी भी विदेशी नागरिकों के पलायन की वजह मानी जा रही है।
सऊदी सरकार ने फैमिली वीजा की फीस भी 2000 रियाल यानी 36 हजार रुपए कर दी है। पहले ये मुफ्त में बनता था। सिंगल एग्जिट रीएंट्री वीजा की फीस 1 साल के लिए 3600 रुपए थी। अब इसकी अवधि घटाकर 2 महीने कर दी गई है। इसके बाद इसे बढ़ाने के लिए 1800 रुपए हर महीने देने होंगे। सऊदी अरब में करीब 32.5 लाख भारतीय काम कर रहे हैं। इनमें केरल के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा करीब 40% और तेलंगाना के लोगों की करीब 25% है। इसके बाद महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के लोगों का नंबर आता है। हैदराबाद के स्कूलों के मुताबिक, अचानक एनआरआई बच्चों का दाखिला बढ़ा है। यही हाल केरल के स्कूलों का भी है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है सऊदी से अब तक कितने भारतीय लौटे है।