बचिए इन कार्यों से ! कहीं महादेव ना हो जाये रुष्ट
कोलकाता टाइम्स
भले ही भगवान को भोलेनाथ कहा जाता है। भले ही इनको छप्पन भोग न देकर सिर्फ मन से हाथ जोड़ लो तो भी खुश। लेकिन भोलेनाथ कुछ ऐसे बातों को कभी माफ़ नहीं करते जो मनुष्य अपने कार्यों से, बातों से या फिर अपनी सोच से करता है। चलिए जानते हैं कौन से हैं वह कार्य जिनसे देवादिदेव हो जाते हैं रुष्ट –
-भूल कर भी किसी और के धन का दुरूपयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा यदि आपने किसी से पैसे लिए हैं तो उसका सारा पैसा ईमानदारी से उसे वापस कर देना चाहिए। दूसरों के धन पर दृष्टि रखने वाले लोगों को भगवान भोलेनाथ ज़रूर दण्डित करते हैं।
– किसी की शादीशुदा ज़िंदगी में ज़हर घोलने वाले लोग महादेव की नज़र में बहुत बड़े पापी होते हैं इसलिए न तो किसी और की पत्नी पर बुरी नज़र रखनी चाहिए और न ही पति पत्नी के रिश्ते में दरार डालनी चाहिए।
– किसी के भी प्रति मन में हीन भावना रखना या फिर उनके ख़िलाफ़ साज़िश रच कर उन्हें दुःख पहुंचाना भी बहुत बड़ा पाप होता है और ऐसे लोग शिव जी को बिल्कुल पसंद नहीं होते। भगवान को तो अपनी तरह भोले और सच्चे लोग पसंद होते हैं।
– कुछ लोगों को दूसरे की खुशियां बर्बाद करने और समाज में किसी भी तरह से उपद्रव मचाने में बहुत मज़ा आता है। ऐसे समाज विरोधी लोगों को भोलेनाथ बहुत बड़ा दंड देते हैं।
-हिंदू धर्म में माना जाता है कि स्त्री का अपमान करने से लक्ष्मी जी रूठ जाती हैं और हमेशा के लिए ऐसा करने वालों के घर को त्याग देती हैं। चाणक्य का भी कहना था कि जिस घर में स्त्री का आदर नहीं होता वहां किसी भी देवी देवता का वास नहीं होता।
– यदि कोई व्यक्ति दूसरों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाता है या समाज में उसके नाम को बदनाम करता है तो भगवान शिव ऐसे लोगों को पापी और इस कर्म को पाप की श्रेणी में रखते हैं।
– भगवान शिव को भांग बेहद प्रिय है लेकिन माना जाता है कि यदि उनके भक्तों को नशे की लत लग जाए या फिर वे हमेशा नशे में डूबे रहें तो यह भगवान को दुखी करता है क्योंकि ऐसा करके मनुष्य उनके द्वारा दिया हुआ अपना जीवन नष्ट कर लेता है।
– किसी ब्राह्मण के पैसे चुराना या फिर मंदिर जैसी पवित्र जगह पर चोरी करने वाले शिव जी को नापसंद होते हैं। ऐसे लोगों को भगवान ज़रूर दंड देते हैं।
– अपने से बड़ों का या फिर अपने गुरु का अनादर करने वाले भोलेनाथ के कभी क़रीब नहीं पहुंच पाते। ऐसे लोगों को भगवान के क्रोध का सामना करना पड़ता है।