अब ट्रांसेन्डरों के हाथ बिहार की इन महिलाओं के लाज
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बिहार सरकार ने बेसहारा महिलाओं को आश्रय देने के लिए अल्पावास गृह बनवाया था। लेकिन एही गृह बेसहारा महिलाओं के लिए खतरे का कारण बन गए हैं। अल्पावास गृह में यौन शोषण की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए बिहार सरकार ने एक ब़ड़ा कदम उठाया है। यौन शोषण की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अल्पावास गृह में महिलाओं की सुरक्षा में ट्रांसजेंडर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी।
इसके पहले मुजफ्फरपुर में लड़कियों के यौन शोषण करने के आरोप में जून में अल्पावास गृह के स्टाफ सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसको लेकर पूरे बिहार में काफी हंगामा हुआ था। अल्पावास गृह में इस प्रकार की वारदात के बाद अब बिहार सरकार ने ट्रांसजेंडर सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने का फैसला किया है। ये फैसला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की एक रिपोर्ट के बाद किया गया, जिनमें इन अल्पावासों का सोशल ऑडिट कराने की बात कही गई थी।
इस रिपोर्ट में कहा गया था कि यौन शोषण के मामलों में गंभीर कदम उठाने की जरूरत है। समाज कल्याण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने बताया कि, चूंकि टीआईएसएस टीम ने रिपोर्ट में कई लड़कियों का नाम दिया है, इसलिए रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। लेकिन हमने निष्कर्षों के आधार पर मुजफ्फरपुर में केस दर्ज कर लिया, और अधिकारियों से अल्पावास गृहों का सोशल ऑडिट करने के लिए कहा गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने बताया, ‘हम अल्पावास गृहों में ट्रांसजेंडर सुरक्षाकर्मी तैनात करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहे थे। इस प्रस्ताव को सोमवार को मुंख्यमंत्री की मंजूरी मिल जाने के बाद हमने इसे लागू करने के लिए औपचारिक आदेश जारी कर दिया।