सत्ता के शिखर को प्राप्त करने का मंसूबे में गन्दी राजनीती
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पियूष रथ /कोलकाता टाइम्स
अभी हाल ही में देश में जिस प्रकार से हिन्दू पाकिस्तान और हिन्दू तालिबान की आवाजें उठ रहीं हैं, वह देश के उस समाज की भावनाओं पर गहरा आघात हैं, जो सनातन काल से भारत के मानबिन्दुओं की रक्षा करता आ रहा है यानी भारत की संस्कृति को जी रहा है। लेकिन देश में स्वार्थ के वशीभूत होकर की जाने वाली राजनीति ने भारत की मूल संस्कृति को मिटाने का उपक्रम किया है। हम जानते हैं कि भारत विभाजन के समय जो मुसलमान भारत में रह गए थे, उन्होंने इस्लाम से ज्यादा भारत को महत्व दिया था और यहीं के होकर रह गए। बाद में इनका राजनीतिक उपयोग कर तुष्टीकरण किया गया. आज यह सर्वविदित है कि देश का मुसलमान संवैधानिक मान्यताओं की परिधि से बाहर है, वह केवल अपने धर्म को ही प्रधानता देता है। सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात यह है कि देश के कई हिस्से छोटे पाकिस्तान के रुप में दिखाई देते हैं। वहां देखकर लगता ही नहीं है कि वह भारत का हिस्सा हैं। अभी हाल ही में कांग्रेस नेता की ओर से हिन्दू पाकिस्तान संबंधी बयान दिया गया।
देश में विरोधी राजनीतिक दल खासकर कांग्रेस द्वारा जिस प्रकार की राजनीति की जा रही है, वह निसंदेह समाज में फूट पैदा करने की रणनीति का ही हिस्सा कहा जा सकता है।
आज की कांग्रेस को बहुरुपिया की संज्ञा दी जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं कही जाएगी, क्यों एक तरफ उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने हिन्दू होने का प्रमाण दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेता मुसलमानों की हमदर्दी प्राप्त करने के लिए भी बयान दे रहे हैं, लेकिन आज देश का मुसलमान भी इस बात को भलीभांति समझ चुका है कि कांग्रेस ने उसे कभी ऊपर उठाने का प्रयास नहीं किया, उसका राजनीतिक फायदा जरुर उठाया। इतना ही नहीं कांग्रेस के संकेत पर देश के कुछ मुसलमानों की ओर से भी यह प्रयास किया जा रहा है कि देश की समस्याओं के लिए वर्तमान सरकार को पूरा तरह से आरोपित किया जाए।
विश्व के जो देश भारत के विरोध में काम कर रहे हैं, वे भी भारत को शक्तिहीन करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह आता है कि ऐसा काम कांग्रेस क्यों कर रही है?
अभी लोग कांग्रेस नेताओं के उन बयानों को भी नहीं भूले होंगे, जिसमें उन्होंने भारतीय सेना के विरोध में बयान दिया और कश्मीर के पत्थरबाजों का समर्थन किया। लगता है कि आने वाले लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस मुसलमानों को अपने साथ लेकर सत्ता के शिखर को प्राप्त करने का मंसूबा पालकर पूरी तरह से योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है।