सिरदर्द का इलाज, भीख के बदले ट्रेनिंग
कोलकाता टाइम्स
दरसल भारत में भिखारियों की तेजी से बढ़ती संख्या से सरकार के लिए सिरदर्द बन चूका है। इसीलिए सरकार अब इस सरदर्द को ख़त्म करने के लिए अलग ही रास्ता अपनाने जा रही है। चिंतित सरकार ने इस काम में लगे लोगों को अब कमाई के दूसरे गुर सिखाने की तैयारी की है। इन सभी को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिलाने की तैयारी की जा रही है, ताकि वह अपना कोई भी छोटा-मोटा रोजगार शुरू करके जीवन का आसानी से निर्वहन कर सके। मौजूदा समय में देश में भिखारियों की संख्या चार लाख से ज्यादा है। इनमें करीब 2.2 लाख पुरुष और 1.9 लाख महिला भिखारी हैं। यह संख्या तेजी से बढ़ती ही जा रही है। जिसको काबू में करने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने एक बड़ी पहल की है। इसके लिए स्थानीय निकायों के साथ मिलकर एक योजना बनाने में जुटी है, जिसके तहत भिखारियों को उनकी रुचि के मुताबिक हुनरमंद बनाया जाएगा।
इस योजना के तहत उन्हें साइकिल बनाने से लेकर दर्जी, भेल-पूरी बनाने, फूल-माला बनाने जैसे काम में भी लगाने की तैयारी है। तकनीकी शिक्षा लेने वालों को इसके लिए भी प्रेरित किया जाएगा। इस योजना का मकसद सिर्फ इतना ही है कि लोगों को भीख मांगने के काम से हटा कर किसी ऐसेकाम से जोड़ा जाए जिससे उन्हें प्रतिदिन भीख मांगने से ज्यादा पैसा मिल सकें। इसके अलावा योजना में ऐसे स्वयंसेवी संगठनों को भी शामिल करने की तैयारी है, जो इस काम में सरकार की मदद कर सकें।