September 29, 2024     Select Language
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बच्चे को बनाना है अव्वल तो करे यह काम, नतीजा चौंका देगा

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कोलकाता टाइम्स 

माता पिता अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर बेहद चिंतित रहते हैं। जब बच्चा पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पता तो यह पेरेंट्स के लिए सिर दर्द बन जाता है। कई मामलों में बच्चे लाख कोशिशों के बाद भी पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाते। इसका सबसे बड़ा कारण है इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का ज़्यादा इस्तेमाल जिससे बच्चों की एकाग्रता भंग होती है।

इसके अलावा भी कई ऐसे कारण हो सकते हैं जैसे घर का वास्तु, कुंडली में कोई दोष, या फिर जिस दिशा में आपका बच्चा बैठकर पढ़ रहा है आदि। यह रहे इस समस्या से निपटने के आसान उपाय-

1. कमरे को डिज़ाइन करते समय या फिर कंस्ट्रक्शन के दौरान इस बात को ध्यान में रखें कि कमरा पूर्वी उत्तर कोने में हो। अगर यह संभव न हो तो उत्तर दिशा में भी आप अपना कमरा बनवा सकते हैं लेकिन याद रखिये कमरे का दरवाज़ा पूर्वी उत्तर दिशा में ही होना चाहिए।

2. घर बनवाते समय एक अन्य बात आपको ध्यान में रखनी चाहिए कि कभी भी वाशरूम बच्चों के बैडरूम और स्टडी रूम के ऊपर न हो। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है जिसका प्रभाव आपके बच्चे पर भी पड़ता है। इसके अलावा वाशरूम न तो पलंग के सामने होना चाहिए और न ही स्टडी टेबल के सामने।

4. कमरे की दीवार का रंग और पर्दों का रंग हरा ही रखें। इससे आपको एकाग्रता बनाए रखने में मदद मिलेगी। साथ ही सभी बाधाएं दूर होंगी और आपको मानसिक शांति का अनुभव होगा।

5. यदि लाख कोशिशों के बाद भी आपके बच्चे को पढ़ाई में एकाग्रता बनाए रखने में दिक्कत होती है तो आप उन्हें सोते समय अपने पैर उत्तर दिशा में रखने की सलाह दें। इससे उनके कॉन्सेंट्रेशन पावर में सुधार आएगा।

6. यदि स्टडी रूम में खिड़की है तो वह हमेशा पूर्व दिशा में होनी चाहिए।

7. स्टडी टेबल पूर्व या फिर पूर्वी उत्तर दिशा में रखें ना कि खिड़की के ठीक सामने।

8. टेबल के ऊपर स्टडी लैंप ज़रूर रखें चाहे आपका बच्चा इसे इस्तेमाल करे या नहीं। माना जाता है कि इससे पढ़ाई का माहौल बनता है साथ ही बच्चे का कॉन्सेंट्रेशन पावर भी बढ़ता है।

9. कमरे में अच्छे चित्र लगाएं जैसे दौड़ते हुए घोड़े, उगता हुआ सूरज आदि इससे आपके बच्चे के कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा।

10. देवी सरस्वती ज्ञान की देवी होती है। कमरे के दक्षिण दिशा में माता का चित्र लगाना शुभ होता है।

11. कमरे में जिस दिशा से हवा आ रही हो बच्चे को उस दिशा में बैठकर पढ़ना नहीं चाहिए। इसे उनकी एकाग्रता भंग होती है। इसी वजह से खिड़की और दरवाज़े के पास बैठकर नहीं पढ़ना चाहिए।

12. ध्यान रहे पढ़ते समय बच्चे के ठीक सामने दीवार न हो या फिर आपका बच्चा कोने में बैठकर न पढ़ें। इससे उसे एकाग्रता बनाए रखने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

ध्यान के लिए ब्रह्ममुहूर्त को सबसे अच्छा समय माना जाता है इसलिए अगर आपके बच्चे को लगता है कि वह पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पा रहा है तो उसे ब्रह्ममुहूर्त के दौरान पढ़ने की सलाह दें। कहते हैं इस समय की हुई पढ़ाई लंबे समय तक याद रहती है। ब्रह्ममुहूर्त सुबह 4 से 6 बजे तक रहता है। इसके अलावा यदि दायीं तरफ की नॉस्ट्रिल एक्टिव है तो स्कूल के या एग्जाम के लिए जाते समय घर से पहले दांया पैर बाहर निकालें। यहां तक की स्कूल या एग्जाम हॉल में प्रवेश करते समय यदि बायीं तरफ की नॉस्ट्रिल एक्टिव हो तो पहला बायां पैर आगे बढ़ाएं।

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