November 24, 2024     Select Language
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1000 से ज्यादा जान लेने वाले बरमूडा ट्राइएंगल से उठा रहस्य से पर्दा

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कोलकाता टाइम्स 
लगता है सुलझ गया दुनिया का सबसे बड़ा रहस्य। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने बरमूडा ट्राइएंगल के रहस्‍यों को सुलझा लेने का दावा किया है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैंपटन के विशेषज्ञों का मानना है कि इस रहस्‍य को प्राकृतिक प्रक्रिया, ‘खतरनाक लहरों’ के तौर पर बताया जा सकता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यहां उठते 100 फुट ऊंची खतरनाक लहरें ही सरे रहस्य का कारण है। जिससे समुद्री नाव इस रहस्‍यमयी बरमूडा ट्राइएंगल में गुम हो जाती हैं। बता दें कि यह दुनिया का सबसे रहस्‍यमयी इलाका है। यहां आस-पास से गुजरने वाली हर चीज लापता हो जाती है। पानी का जहाज हो या हवाई जहाज, बरमूडा ट्राइएंगल के आस-पास जो भी गया, वो हमेशा के लिए गायब हो गया।

नासा के सैटेलाइट ने धरती की कुछ ऐसी तस्वीरें खींची हैं जो बरमूडा ट्राइएंगल के रहस्य से पर्दा हटा सकती हैं। इनमें अटलांटिक महासागर में स्थित बरमूडा ट्राइएंगल के ऊपर मंडराते बादलों की भी तस्वीर है। एक अनुमान के मुताबिक पिछले 70 साल तक कोई वैज्ञानिक वहां जाकर इस रहस्य से पर्दा उठाने की हिम्मत नहीं दिखा पाया, क्योंकि वहां से गुजरने वाले समुद्री विमान और प्लेन विशेष भौगोलिक कारणों की वजह से अचानक समुद्री गर्त में घुसकर गायब हो जाते थे। इससे पहले ऑस्‍ट्रेलियाई वैज्ञानिक ने बताया था कि बरमूडा ट्राइएंगल का रहस्‍य वहां की भौगोलिक स्थिति और खराब मौसम में छिपा है। इसकी वजह से अटलांटिक महासागर के उस क्षेत्र में समुद्री विमान और प्लेन गायब हो जाते हैं। उस क्षेत्र पर चुंबकीय घनत्व के प्रभाव की बात भी स्वीकार की गई है।
बरमूडा ट्राइएंगल का यह क्षेत्र फ्लोरिडा, बरमूडा और प्‍यूर्टो-रिका के बीच 700,000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह क्षेत्र भूमध्य रेखा के नजदीक है, और अमरीका के पास है। यह क्षेत्र उत्तर पश्चिम अटलांटिक महासागर का एक भाग है जिसमें कई प्लेन और समुद्री विमान गायब हुए हैं। इसे ‘डेविल्‍स ट्राइएंगल’ के नाम से भी जाना जाता है। अंतिम सौ सालों के दौरान यहां 1000 से अधिक लोगों की जान चली गई है।

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