कोलकाता टाइम्स
हर शादीशुदा जोड़ा चाहता है कि ईस्वर उन्हें बच्चे के खूबसूरत तोयफे से नवाजे। वहीं, कुछ औरतें ऐसी भी होती हैं जो जुड़वा बच्चों को जन्म देती हैं। अब मन में यह सवाल तो आता ही है की इसके पीछे कारण क्या है। जुड़वा बच्चे दो तरह के होते हैं, एक मैनोज़ाइगॉटिक (monozygotic) और दूसरे डायजाइगॉटिक (dizygotic)।
जेनेटिक्स कारण : अगर परिवार में पहले से जुड़वा बच्चे पैदा हो चुके होते हैं तो इससे उसी परिवार की दूसरी औरत को भी दूसरे जुड़वा बच्चे होने के चांस बढ़ जाते हैं।
उम्र भी करती है निर्भर : यह बात सही है कि उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं के लिए गर्भ धारण करना मुश्किल हो जाता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है फॉलिरल स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन (follicle stimulating hormone) के निर्माण में कमी आ जाती है। यह एग ओवरीज को ओव्यलैशन के रीलिज करने में बहुत अहम भूमिका निभाता है। इस प्रक्रिया में एग की संख्या बढ़ने लगती है, जुड़वा बच्चों के लिए गर्भधारण के चांस बढ़ने लगते हैं।
गर्भनिरोधक गोलियां : जुड़वा बच्चों के लिए गर्भनिरोधक गोलियां भी वजह बनती हैं। रेगुलर इस तरह की गोलियां खाने के बाद जब बंद कर दी जाती हैं तो हार्मोंस में आए बदलाव के कारण दो गर्भ ठहरने की संभावना बढ़ जाती है।
दूसरी बार प्रैग्नेंट होना : यह जरूरी नहीं कि पहली बार अगर जुड़वा बच्चे हुए हैं तो दोबारा भी ऐसा ही हो। लेकिन पहले प्रैग्नेंट होने के बाद दोबार गर्भधारण करने से जुड़ावा बच्चे होने की संभावना बढ़ सकती है।