सिर्फ इंसान ही नहीं इस गांव के पशु-पक्षी भी जन्म के बाद हो जाते हैं अंधे
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कोलकाता टाइम्स
आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहें है जहां पर स्त्री-पुरुष से लेकर पशु-पक्षी आदि सभी अंधे हैं। इस गांव के पक्षी उड़ नहीं पाते वो पेड़ों से टकरा कर गिर जाते और इंसान भी कुछ देख नहीं पाते। आइए जानते है इस गांव के बारे में कुछ और बातें।
टिल्टेपक नाम के एक गांव में जोपोटेक जाति के लगभग 300 रेड इंडियन निवास करते हैं। दरअसल यह लोग जन्म के समय अंधे नहीं होते लेकिन जन्म के कुछ समय बाद हर किसी को दिखना बंद हो जाता है। यहां के लोग पत्थरों पर सोते हैं और सेम, मक्का, मिर्च खाते हैं। आज भी इन लोगों के पास लकड़ी के बने हुए औजार है।
टिल्टेपक की एक सड़क के किनारे करीब 70 झोपड़ियां है, जिनमें यह लोग रहते है। इन घरों की खिड़कियां और दरवाजे नहीं है क्योंकि इन्हें रोशनी की जरूरत नहीं पड़ती है। यहां के लोग अपने दिन की शुरूआत पशुओं-पक्षियों की आवाज से करते है। शाम को यह लोग इकट्ठे होकर भोजन करते है। इसके बाद यह लोग शराब पीते और नाचते नाचते गाते हैं।
यहां के लोगों का कहना है कि यहां पर एक लावजुएजा नाम का पेड़ है, जिसे देखकर यह लोग अंधे हो जाते है। मगर यह सच नहीं है, क्योंकि पर्यटक इस पेड़ को देखकर अंधे नहीं होते। कुछ समय पहले ही वैज्ञानिकों ने इसका कारण ढूंढा है और उनका कहना है ऐसा एक किटाणु के कारण होता है। एक काली मक्खी के काटने पर यह किटाणु शरीर में फैल जाता है, जिसके कारण आंखों की नसें काम करना बंद कर देती है और व्यक्ति जल्दी अंधा हो जाता है।