खुसखबरी : अब मानसिक रोगों की चिकित्सा खर्च भी उठाएगी इंश्योरेंस कंपनियां
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कोलकाता टाइम्स
स्वास्थ्य बिमा करवाने के बावजूद कई बार इलाज के मामले में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। खासकर इंश्योरेंस न होने के कारण मानसिक रोगों के इलाज में सबसे ज्यादा मुसीबत का सामना करना पड़ता है। अब मानसिक समस्या झेल रहे मरीजों व उनके अभिभावकों के लिए राहतभरी खबर है। इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (इरडा) ने इंश्योरेंस कंपनियों को कहा है कि मानसिक बीमारी (मेंटल इलनेस) को भी मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर करें। इरडा के मुताबिक मानसिक बीमारी को भी शारीरिक बीमारियों की तरह ही माना जाना चाहिए।
इरडा मेंटल हेल्थकेयर ऐक्ट 2017 का अनुसरण करता है। इस ऐक्ट के सेक्शन 21 (4) के अनुसार हर इंश्योरेंस कंपनी को शारीरिक बीमारियों की तरह ही मानसिक बीमारियों के इलाज के लिए मेडिकल इंश्योरेंस के प्रावधान बनाने चाहिए। मेंटल हेल्थकेयर ऐक्ट 2017 29 मई, 2018 से प्रभावी हुआ था। इसके अनुसार मेंटल हेल्थकेयर में एक व्यक्ति की मानसिक स्थिति का अनैलेसिस और डायग्नोसिस शामिल होता है।