जिन्दा दफ़नाने के बाद रिश्तेदार मनाते हैं जश्न
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कोलकाता टाइम्स
ये दुनिया अजीब है। यहां अलग-अलग तरह के लोग रहते हैं जहाँ कि अलग अलग परम्परायें हैं। लोग आज भी उन परम्पराओं को बड़ी धूमधाम से मानते हैं भले वो किसी हद तक अच्छी नही मानी जा सकती है फिर भी लोग उन्हें मानते है और उनका पालन करते है।
दफनाए जाते है जिन्दे इंसान: यह ऐसी ही प्रथा आज भी प्रचलित है जहाँ ज़िंदा लोगों को दफना दिया जाता है। ये प्रथा क्यूबा फेस्टिवल के नाम से बेहद मशहूर है। ये एक त्यौहार है जहाँ ज़िंदा लोगों को दफना दिया जाता है। इस प्रथा के तहतर यहाँ पर एक इंसान को ताबूत में बंद कर दिया जाता है और उसे सड़क पर घुमाया जाता है। इस त्यौहार को ब्यूरियल ऑफ पचैंचो नाम से भी जानते हैइस त्यौहार को ब्यूरियल ऑफ पचैंचो नाम से भी जानते है जो कि अभी से नही बल्कि पिछले तीस सालों से चला आ रहा है.
मनाते है जश्न: इस ताबूत के पीछे दफ़न होने वाले के रिश्तेदार और दोस्तों की भीड़ भी जाती है। इस प्रथा को एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है और इसमें पीछे चलने वाले सभी लोग जश्न में डूब कर शराब पीते हुए जाते हैं। इसी के चलते यहाँ एक सफ़ेद बालों वाली महिला उस शख्स की विधवा बनती है और इसी के साथ वो हर वो काम करती है जो एक विधवा को करना होता है।