July 2, 2024     Select Language
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नहीं मिल रहा मिन्नतों का फल … वजह यह तो नहीं ?  

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कोलकाता टाइम्स 

पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करने पर भी जब मनचाहा फल नहीं मिलता तब अपनी भूल समझ पाना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में धर्म-ग्रंथ आपकी मदद कर सकते हैं। ग्रंथों और शास्त्रों में कई ऐसी बातें बताई गई हैं, जिनका ध्यान न रखने पर पूजा व्यर्थ चली जाती है। और उसका लाभ नहीं मिल पाता

बिना नहाए न छुएं तुलसी: हिंदू धर्म में तुलसी को देवी का दर्जा दिया गया है। जिसके चलते बिना नहाए तुलसी छूने या तोड़ने की मनाही है। मान्यताओं के अनुसार, बिना नहाए तोड़ी गई तुलसी भगवान स्वीकार नहीं करते। 

ग्रंथों के अनुसार रविवार, एकादशी, द्वादशी, संक्रांति और शाम के समय तुलसी तोड़ने की मनाही है। ऐसा करना अशुभ फलों का कारण बन सकता है। अगर आप भी ये गलती करते हैं तो तुरंत सतर्क हो जाएं।

सबसे पहले करे इनकी पूजा : श्रीगणेश, भगवान सूर्य, देवी दुर्गा, भगवान शिव और भगवान विष्णु को पंचदेव का दर्जा प्राप्त है। शास्त्रों के अनुसार, हवन-पूजन करने से पहले पंचदेव की पूजा करना अनिर्वाय है। अगर प्रतिदिन इनकी पूजा कर पाना संभव न हो तो इनका स्मरण करके दिन की शुरुआत करें। 

खास है दूर्वा :  भगवान श्रीगणेश को दूर्वा अर्पित करना शुभ होता है लेकिन देवी दुर्गा को दूर्वा चढ़ाने की मनाही है। इसलिए भूलकर भी देवी दूर्गा की पूजा में दूर्वा का इस्तेमाल न करें। इसके अलावा रविवार को दूर्वा तोड़ने से बचना चाहिए, ऐसा करना अशुभ फलों का कारण बन सकता है।

गंगाजल का पात्र : गंगाजल प्लास्टिक की बोतल, एल्युमिनियम और लोहे से बने बर्तनों में नहीं रखना चाहिए। इन सभी धातुओं को अपवित्र माना जाता है। इनकी जगह तांबे के बर्तन में गंगाजल रखेंगे तो बेहतर होगा।

दीपक का रखे ध्यान :  पूजा के दौरान कई लोग एक दीपक से दूसरा दीपक जलाने की गलती कर बैठते हैं, लेकिन ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता। इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें, कभी भी दीप से दीप न जलाएं।

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