तानाशाह ने बना डाला एक ऐसा खुशहाल शहर जहां कोई नहीं रहता
कोलकाता टाइम्स
नर्थ कोरिया के बॉर्डर पर एक खूबसूरत सा शहर सिर्फ इसलिए बनाया गया कि दक्षिण कोरिया के लोगों को लुभाने के लिए बनाया था। इस शहर में सैकड़ों इमारतें बनी हुई हैं। कोई सफेद है तो कोई नीली। दूर से देखो तो ये शहर बहुत खुशहाल नजर आता है पर करीब आने पर पता चलता है कि यहां कोई नहीं रहता। पूरा शहर वीरान पड़ा हुआ है। यहां हॉस्पिटल से लेकर स्कूल सब कुछ है पर सब खालह है। इस शहर को डीमिलिटराइजड जोन का नाम दिया गया है। उत्तर कोरिया के शासक किम ने ये शहर एक प्रोपेगेंडा के तौर पर तैयार करवाया था।
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कहा जाता है किजोंग डोंग शहर को रातों-रात बना कर खड़ा कर दिया गया था। ये शहर ढाई मील में फैला हुआ है। इसे 1953 में तैयार किया गया था। इस शहर को कोरियन वॉर के समय हथियार गाह के तौर पर बनाया गया था। इन बिल्डिंगों को कंक्रीट से तैयार किया गया है। यहां की किसी भी बिल्डिंग की खिड़की पर शीशा नहीं लगा हुआ है। शहर में लोग रहते है इस बात का यकीन दिलाने के लिए ये पूरा शहर शाम को रौशनी में नहा उठता है। इसके लिए ऑटोमेटिक इलेक्ट्रिक टाइमर का प्रयोग किया जाता है। जिससे सुबह शाम लाइट खुद बा खुद आ जाती है।
यहां पर सिर्फ इस शहर का मेंटीनेंस देखने वाले वर्कर ही सड़कों पर नजर आते हैं। नॉर्थ कोरिया इस शांति गांव का प्रयोग युद्ध के दौरान मैदान के रूप में करती है। 1980 में दक्षिण कोरिया ने शहर के विपरीत दिशा में एक 321 फुट ऊंचा झंडे का पोल लगाया। यह पोल उत्तर कोरिया का विरोध करने के लिए लगाया गया था। उत्तर कोरिया ने इसके जवाब में कुछ दिनो बाद ही 525 फुट ऊंचा झंडे का पोल लगा कर इसका जवाब दिया था। ये अभी तक का सबसे ऊंचा झंडे का पोल है।