गाँधी जी की चरखे का महत्त बिकेगा साढ़े तीन लाख में
गाँधी जी की एक खत जो की साढ़े तीन लाख में बिकनेवाली है। अमरीका के नीलामी घर आरआर ऑक्शन ने जानकारी देते हुए बताया कि चरखे के बारे में लिखी गई महात्मा गांधी की यह चिट्ठी चरखे के महत्त्व पर जोर देते हुए लिखी गई है। हालाँकि इस चिट्ठी में कोई तारीख नहीं है। नीलम घर के अनुसार, यह चिट्ठी शायद 5,000 डॉलर यानि साढ़े तीन लाख में में निलाम होगी ।
नीलामी घर ने एक बयान में बताया कि यशवंत प्रसाद नाम के किसी व्यक्ति को लिखा गया यह पत्र गुजराती में है और यह “बापू का आशीर्वाद” से हस्ताक्षरित है। गांधी ने पत्र में लिखा है, “हमने जो चरखे के बारे में सोचा था वह हो गया। हालांकि तुमने जो कहा वह सही है : यह सब कुछ करघों पर निर्भर करता है।”
गांधी द्वारा चरखे का उल्लेख अत्याधिक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने इसे आर्थिक स्वतंत्रता के प्रतीक के तौर पर अपनाया था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीयों को सहयोग के लिए उन्हें हर दिन खादी कातने के लिए समय देने के लिए प्रेरित किया था। उन्होंने स्वदेशी आंदोलन के तहत सभी भारतीयों को अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कपड़ों की बजाए खादी पहनने के लिए प्रोत्साहित किया था। चरखा और खादी भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रतीक बन गए थे। ऑनलाइन नीलामी 12 सितंबर को समाप्त हो जाएगी।