गोल्ड मैडल से नहीं मिलती ओलिम्पिक ट्रेनिंग, तंगहाल इस विजेता ने सरकार से लगायी टॉप्स में शामिल करने की गुहार
कोलकाता टाइम्स
दो साल पहले नौकरी गवां देने के बाद तंगहाली ऐसी कि एशियाई खेलों के गोल्ड मेडल विजेता खेल छोड़ने की तैयारी कर रहा था। यह खिलाडी है मनजीत सिंह। उन्होंने खेल मंत्रालय से आग्रह किया कि उन्हें टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) में शामिल किया जाए जिससे कि वह 2020 ओलंपिक जैसे आगामी बड़े टूर्नामेंटों की तैयारी कर सकें।
एशियाई खेलों की पुरुष 800 मीटर दौड़ के गोल्ड मेडल विजेता मनजीत के पास कोई नौकरी नहीं है। ओएनजीसी ने मार्च 2016 में उनका अनुबंध बढ़ाने से इनकार कर दिया था क्योंकि वह नतीजे नहीं दे पा रहे थे जिसके बाद उनके पास कोई नौकरी नहीं है। विपरीत हालात के बावजूद मनजीत ने सेना के कोच अमरीश कुमार के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग जारी रखी जिसके बाद उन्हें राष्ट्रीय शिविर के लिए बुलाया गया।
मनजीत ने कहा, ‘‘मैंने मार्च 2016 में नौकरी गंवा दी क्योंकि ओएनजीसी ने मेरा अनुबंध बढ़ाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं नतीजे नहीं दे रहा. इससे पहले मुझे सहायता राशि मिल रही थी।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन अब मैंने एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीत लिया है। उम्मीद करता हूं मंत्रालय मेरी उपलब्धियों और मेरी परेशानियों पर ध्यान देगा। मेरे पास कोई प्रायोजक नहीं है और ना ही कोई कंपनी मुझे सहायता दे रही है। मैं उम्मीद कर रहा हूं कि खेल मंत्रालय मझे टॉप्स में जगह देगा जिससे कि मैं अपनी ट्रेनिंग जारी रख सकूं। ’
हरियाणा के जींद जिले के उझाना गांव के रहने वाले 29 साल के मनजीत ने कहा कि दो साल पहले जब ओएनजीसी ने उनका अनुबंध बढ़ाने से इनकार कर दिया था तो वह खेल छोड़ने की कगार पर थे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं काफी मायूस था और मुझे नहीं पता था कि क्या करना है। मैं किसान परिवार से हूं और मेरा परिवार मेरी ट्रेनिंग के लिए बड़ी राशि नहीं दे सकता। लेकिन किसी तरह अपने कोच अमरीश कुमार की मदद से मैंने ट्रेनिंग जारी रखी। ’’