यहां माथा टेकते ही किन्नर भी देते हैं बच्चे का जन्म
कोलकाता टाइम्स
क्या आपने कभी सुना है कि किसी किन्नर ने बच्चे को जन्म दिया है। नहीं ना। मगर आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर जाने से किन्नर की भी गोद भर जाती है।
अब आप इसे कुदरत का करिश्मा कहें या फिर कुछ और मगर ये बात सच है कि यहां पर आने के बाद किन्नर की भी गोद भर जाती है। आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि एक किन्नर कैसे मां बन सकती है। मगर ये सच है।
आज हम आपको भारत के उस जगह के बारे में बताने जा रहे है जहां पर आने के बाद ऐसे ही हजारों लोगों का भला हुआ है। दरअसल हम बात कर रहे हैं राजस्थान के अजमेर जिले में बनी मोहम्मद शरीफ की दरगाह के बारे में। यहां की सबसे खास बात यह है कि यहां पर हर धर्म के लोगों की आस्था है। यहां पर आने के बाद हर लोग अपने मजहब को भूल जाता है ओर सिर्फ पूरे मन से बाबा की ही राह पर चलता है।
इस बात का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि आए दिन यहां पर बड़े बड़े नेता, फिल्म अभिनेता आदि यहां पर मत्था टेकने के लिए आते हैं। इस दरगाह में किन्नरों की भी काफी आस्था है।
इस जगह के बारे में ऐसा कहा जाता है कि हर साल उर्स के पावन मौके पर देश के अलग अलग भागों से आकर किन्नर यहां पर सिर झुकाते हैं। यहां की ऐसी मान्यता है कि जो भी यहां पर आता है वो फिर खाली हाथ नहीं जाता है।
आपको बता दें कि यहां पर मीरां सैयद हुसैन खिंहगसवार की एक दरगाह है जहां पर करिश्माई लाल बूंदी का पेड़ है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग ख्वाजा मोईनुद्दीन चिस्ती की दरगाह पर जाते हैं, वह तारागढ़ पहाड़ पर मौजूद इस दरगाह में भी जरूर सिर झुकाते हैं।
आपको बता दें कि इस पेड़ के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जो भी इस पेड के फल को खाता है वह बेऔलाद नहीं रहता।