तेल नहीं कॉफी पीकर सरपट दौड़ती बसें
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कोलकाता टाइम्स
ब्रिटेन की तकनीकी कंपनी बायो-बीन ने कॉफी के कचरे से तेल बनाया और उसे डीजल में मिला कर एक प्रभावशाली जैव ईंधन में परिर्वतित कर दिया। इस वैकल्पिक ईंधन से लंदन की सड़कों पर बसों को दौड़ाया गया। इस कंपनी का कहना है कि उसके पास लंदन में एक बस को साल भर तक चलाने के लिए पर्याप्त ईंधन है। जानकारों का मानना है कि इस तरह के फ्यूल का प्रयोग परिवहन उत्सर्जन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
कॉफी वेस्ट से जैव ईंधन तैयार करने वाली कंपनी बायो-बीन का कहना है कि उसके लिए ईंधन बनाने में कोई समस्या नहीं है। साल भर तक एक बस को चलाने के लिए 2.55 मिलियन कप कॉफी की आवश्यकता होती है जबकि लंदन के लोग एक साल में 200,000 टन कॉफी वेस्ट तैयार कर देते हैं। यानि पर्याप्त सामग्री मिल जाती है। इस समय कंपनी के पास 6000 लीटर कॉफी से बना जैव ईंधन तैयार है।