निकालना है भड़ास तो तोडू-फोड़ू कैफ़े का मजा लीजिये
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कोलकाता टाइम्स
जरूरत महसूस होने पर यह कैफे आपको साइकोलाजिस्ट का परामर्श भी दिलवाया जायेगा। आप चाहे अपने बॉस से परेशान हों या बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड का गुस्सा हो पढ़ाई का फ्रस्टेशन हो या पति-पत्नी की आपस में न बनती हो। किसी पर बहुत गुस्सा आ रहा हो या किसी का सर फोड़ देने का मन कर रहा हो तो अब मन मारने की जरूरत नहीं। बस चले जाईये इन्दौर के एक कैफे में। जाकर आप जमकार तोड़फोड़ मचा सकते हैं। अरे भाई कोई कुछ बोलेगा नहीं पर तोड़फोड़ का कुछ पैसा तो लेगा ना। जी हां इस कैफे का नाम भड़ास कैफे है। कैफे का ऐसा नाम आप शायद पहली बार सुन रहे होंगे। यह अनोखा कैफे मध्य प्रदेश के इन्दौर शहर के चन्द्रनगर क्षेत्र में खुला है।
यहां पर आप को कांच के गिलास, कप, कुर्सी, टीवी, लैपटॉप, कम्प्यूटर, सीपीयू, घड़ी से ले कर हर वो चीज मिलेगी जिसे तोड़ने में आप को मजा आये। गुस्सा निकालने के लिए यहां पंचिंग बैग्स से ले कर गुब्बारे तक मौजूद हैं। 2 रुपये से 5 रुपये तक देकर आप कांच के गिलास तोड़ सकते हैं। 50 रुपये में आप के लिये घड़ी भी है। यहां पर बड़े सामान तोड़ने के लिए आपको और ज्यादा पैसे देने होंगे। नुकसान के मुकाबले यह कीमत कम है।
यह कैफे अतुल मलिकराम नाम के युवक ने खोला है। उन्होंने कहा कि ये भारत का पहला भड़ास कैफे है। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें तोड़-फोड़ से पहले ग्लव्स, हेल्मेट और ट्रैक सूट भी पहनाए जाते हैं। इस कैफे की दीवारों और छत पर हर तरफ नफरत, गुस्सा, गुबार, चीखना जैसे शब्द बड़े-बड़े अक्षरों में लिखे हुए हैं।
भारत के लोगों के लिये ये कैफे नया और अजीबोगरीब हो सकता है लगे लेकिन विदेशों में बहुत पहले से ही ऐसे भड़ास केन्द्र लोकप्रिय हैं। वहां इन्हें एंगर रूम के नाम से जाना जाता है। लोगों में बढ़ते डिप्रेशन को देखते हुए सबसे पहले एंगर रूम बनाने का ख्याल अमेरिका की एक टीनेजर डोना अलेक्जेन्डर के मन में आया । साल 2008 में उसने अपने ऑफिस के लोगों को 5 डॉलर के बदले तोड़-फोड़ करने के लिए अपने गैराज में आमंत्रित किया। लोगों को यह आइडिया पसन्द आया। बाद में अजनबी भी उससे तोड़-फोड़ करने देने का आग्रह करने लगे। 2 साल बाद डोना ने अपनी जॉब छोड़ कर इस काम का बिजनेस शुरू कर दिया। आज अमेरिका समेत कई देशों में बहुत से एंगर रूम खुले हुए हैं।